रायपुर। प्रदेश में संविलियन से वंचित शिक्षाकर्मियों जिनकी संख्या लगभग सोलह हजार के आसपास है। वे काफी लम्बे समय से अपने संविलियन की राह देख रहे थे, लेकिन जैसा कि शिक्षाकर्मियों को उम्मीद थी वैसा ही सरकार ने बजट पेश करके होली से पहले दीवाली मनाने का मौका शिक्षाकर्मियों को दे दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आज प्रस्तुत बजट में शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा के बाद प्रदेश के शिक्षाकर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गई।
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उन्होंने विधानसभा पहुंचकर बजट के ठीक बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और पंचायत मंत्री टी.एस. सिंहदेव का इसके लिए आभार जताया। मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए संविलियन अधिकार मंच के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री और सरकार के वादे पर पूरा भरोसा था और उन्होंने आज उस वादे को पूरा करके शिक्षाकर्मियों के जीवन में एक ऐसा बड़ा परिवर्तन ला दिया है, जिसके लिए हम और हमारा परिवार सदैव आभारी रहेगा। शिक्षाकर्मियों ने स्कूल शिक्षा मंत्री और पंचायत मंत्री समेत विधायकों को भी मिठाई खिलाकर संविलियन की घोषणा की खुशियां बांटी।
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शिक्षाकर्मियों के प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा से प्रदेश के लगभग 16 हजार से अधिक शिक्षाकर्मी के संविलियन से उन्हें अब नियमित शिक्षकों के समान एक जुलाई 2020 से वह सभी सुविधाएं मिलेंगी, जो उनकी समस्या का निदान करेगी। प्रतिनिधि मंडल ने यह भी बताया कि शिक्षाकर्मियों के संविलियन से उनकी व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्या दूर होने से अब वह पहले से बेहतर ढंग से स्कूलों में विद्यार्थियों पर ध्यान देते हुए उन्हें गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकेंगे।
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उल्लेखनीय है कि प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन को लेकर समय-समय पर आंदोलन होते रहे हैं। पिछली सरकार ने संविलियन करते हुए आठ वर्ष का बंधन लागू कर दिया था। इसके बाद 48 हजार शिक्षाकर्मी संविलियन से वंचित रह गये थे। वर्तमान सरकार ने अपने घोषणा पत्र में दो वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके सभी शिक्षाकर्मियों के संविलियन का वादा किया था। सभी शिक्षाकर्मियों की निगाहें बजट पर लगी हुई थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के साथ ही सरकार ने अपने घोषणा पत्र के अनुसार शिक्षाकर्मियों के संविलियन का वादा पूरा किया है।
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संविलियन अधिकार मंच के पदाधिकारियों सहित संविलियन से वंचित शिक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सभी विधायकों को दो-दो बार ज्ञापन सौंपे थे। मंत्रियों-विधायकों ने संविलियन के लिए अनुशंसा पत्र लिखा था, वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संविलियन अधिकार मंच को अपनी जगदलपुर यात्रा के दौरान ही संविलियन के संकेत दे दिए थे, जिसे आज उन्होंने पूरा भी कर दिया।