भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर है। कमलनाथ सरकार के आग्रह पर 13 मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल को फिलहाल टाल दिया है। डॉक्टर सातवां वेतनमान सहित 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 24,25 और 26 जुलाई को हड़ताल पर जाने वाले थे। इस हिसाब से प्रदेश के 3300 शिक्षक सामूहिक अवकाश यानि की हड़ताल पर चले जाते।
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बहरहाल डॉक्टर अब 26 जुलाई को तय करेंगे, कि वह हड़ताल पर जाएं या नहीं। दरअसल भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा, सागर और जबलपुर सहित सात नए मेडिकल कॉलेज रतलाम, विदिशा, दतिया, खंडवा, छिंदवाड़ा, शिवपुरी और शहडोल के मेडिकल कॉलेजों के टीचर्स सातवां वेतनमान की मांग कर रहे थे। साल 2018 में मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इन मांगों को लेकर चर्चा की थी। लेकिन निराकरण नहीं हो पाया था।
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26 सितंबर 2018 को मुख्यमंत्री का घेराव भी किया गया था। साथ ही एसोसिएशन के कॉल पर 17 जुलाई 2019 को 3300 चिकित्सा शिक्षक एक दिन के सामूहिक अवकाश पर चले भी गए थे। लेकिन 24 से 26 जुलाई तक 3 दिन का सामूहिक अवकाश मामले में कमलनाथ सरकार से डॉक्टर की बातचीत सार्थक रही। इसलिए फिलहाल उन्होंने अपने अवकाश को टाल दिया है। लेकिन ये भी कहा है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह 15 दिन बाद 10 अगस्त को सामूहिक इस्तीफा देंगे।
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ये है डॉक्टरों की मांगे….
1-सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए।
2-मेडिकल रिएंबर्समेंट का लाभ दिया जाए।
3-मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाए।
4-कार्य के घंटे निर्धारित हों।
5-गे्रच्युटी का लाभ दिया जाए।
6-2004 में लागू पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाए।
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