बलरामपुर। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले का एक परिवार पिछले चार महिने से वॉटरफाल में डूबने से लापता हुई अपनी मासूम बच्ची की तलाश में दर दर की ठोकरें खा रही है। दरअसल जनवरी माह में रकसगंडा वॉटरफाल में 8 साल की मानवी पैर फिसलने से गिर गई थी। तब से लापता मानवी की तलाश में परिजन प्रशासन के दरवाजे खटाखटाते फिर रहे हैं। दंपत्ति का आरोप है कि सूरजपुर में इस घटना के बाद पुलिस सिर्फ वॉटरफाल से देखकर चली गई। पीड़ित के परिजनों ने झरने में उतरकर बच्ची को खोजा लेकिन बच्ची का कोई सुराग नहीं मिली। दूसरे दिन शासन की टीम ने भी 8 साल की मानवी की तलाश की लेकिन उन्हें भी कुछ हाथ नहीं लगा। परिजनों की माने तो बच्ची का कोई कपड़ा या शव नहीं मिलने से शायद हो सकता है उसे किसी ने बचा लिया है।
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मानवी की मां ने शासन की जांच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है किके आसपास कई आदिवासी रहते हैं, लेकिन शासन की कोई टीम वहां पूछताछ करने नहीं पहुंची। इसलिए वे बलरामपुर में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे हैं। परिजन की माने तो हो सकता है उनकी बेटी अब भी जिंदा है।बच्ची के जिंदा होने की आस में दंपत्ति सभी से मदद की गुहार लगा रहा है, पुलिस और प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे परिजनों से भद्दा मजाक करने का मामला भी सामने आया है। मां के मुताबिक मानवी को लेकर उन्हें झूठा फोन करके उनसे मजाक किया जा रहा है। सूरजपुर पुलिस से उम्मीद हारने के बाद परिजन बलरामपुर पुलिस से मदद की गुहार लगाई है।
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गौरतलब है सूरजपुर जिले के रकसगंडा जलप्रपात में परिजन पिकनिक मनाने पहुंचे हुए थे। इस दौरान मानवी पैर फिसलने से गहरे पानी में गिर गई और जलप्रपात के बहाव में बह गई। बच्ची के बहने से चारों ओर हड़कंप मच गया, सूचना मिलने के बाद सूरजपुर जिले की पुलिस टीम पहुंची लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला। 6 दिन बाद नेवी की रेस्क्यू टीम भी पहुंची और उन्होंने पूरा जलप्रपात और नदी का एक-एक कोना छान मारा लेकिन मानवी का कहीं पता नहीं चला।
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