रायपुर। छत्तीसगढ़ की सत्ता में 15 साल बाद लौटी कांग्रेस पार्टी के विधायकों को अब उनके ही नेता और कार्यकर्ता घेरने लगे है। बिलाईगढ़, बिलासपुर, राजिम और पंडरिया विधानसभा से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं. कहीं पुतला फूंका जा रहा ।तो कहीं विरोध में नारेबाजी हो रही है तो आलाकमान से शिकायतों का दौर भी जारी है. हालांकि पीसीसी हालात को संभालने में जुटा है तो दूसरी ओर विपक्ष चुटकी लेने में पीछे नहीं है।
इन दिनों कांग्रेस के कई विधायकों के खिलाफ जिलाध्यक्ष, नेता या कार्यकर्ताओं का गुस्सा सड़क या सार्वजनिक मंचों पर फूट रहा है। ताजा मामला बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय के साथ ब्लॉक अध्यक्ष द्वारा बदसलूकी का है. मामला बिगड़ता देख पीसीसी ने 24 घंटे के अंदर मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय जांच कमेटी बना दी।
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इससे पहले बिलाईगढ़ विधायक चंद्रदेव राय के खिलाफ सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता राजीव भवन पहुंचकर नारेबाजी करते हुए पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम से शिकायत की. इसी तरह ब्लाक अध्यक्ष नियुक्ति मामले पर गरियाबंद जिले के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने राजिम विधायक अमितेश शुक्ल का पुतला फूंका।तो वही पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर द्वारा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेताओं को कांग्रेस में शामिल करने को कवर्धा जिलाध्यक्ष ने अवैध बताते हुए प्रवेश प्रक्रिया को रोक दी।
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हालांकि कांग्रेस नेताओं और कार्य़कर्ताओं की नाराजगी सरकार से नहीं है बल्कि अपने जनप्रतिनिधियों से है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस जिला अध्यक्षों ने विधायकों के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।इस मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बंद कमरे में कई कांग्रेस जिला अध्यक्षों से चर्चा भी की थी।
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कांग्रेस विधायक और कार्यकर्ताओं की आपसी टकराव पर बीजेपी चुटकी ले रही है।तो वहीं अपने कांग्रेस का कहना है कि लोकतंत्र में लोगों को अपनी बात रखने का अधिकार है। बहरहाल कांग्रेस सत्ता और संगठन में बेहतर सामंजस्य की बात कर रही है।लेकिन सवाल है कि कांग्रेस में अपनों के निशाने पर और कितने विधायक हैं। ?