रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश से कुपोषण को समूल समाप्त करने के लिए सुपोषण अभियान चलाने की जो पहल की थी, वह पहल अब रंग लाने लगी है। जिसके तहत कुपोषण मुक्ति अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए देश के 115 आकांक्षी जिलों में से दन्तेवाड़ा जिले को सिल्वर स्कॉच अवार्ड दिया गया है।
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मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को कारगर ढंग से क्रियान्वयन करने के लिये नई दिल्ली के इंडिया हैबीटेट सेंटर में आयोजित स्कॉच अवार्ड समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आर्थिक सलाहकार विवेक देवराय द्वारा सिल्वर स्कॉच अवार्ड प्रदान किया गया। दंतेवाड़ा जिला प्रशासन की ओर से इस अवार्ड को जिला पंचायत दन्तेवाड़ा के मुख्य कार्यपालन अधिकारीसच्चिदानंद आलोक और आकांक्षी फैलो बसन्त कुमार ने ग्रहण किया।
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बता दें कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 को पूरे प्रदेश में कुपोषण अभियान प्रारंभ किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दंतेवाड़ा सहित ज्यादा कुपोषित जिलों में प्रवास के दौरान सुपोषण अभियान की समीक्षा करते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने छेरछेरा पुन्नी के दिन उन्हें दान में मिली राशि और धान को सुपोषण अभियान के लिए समर्पित किया हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बस्तर क्षेत्र में सुपोषण के लिए गुड़ का वितरण भी शुरू किया गया है।
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गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के साथ ही सुपोषण अभियान को दन्तेवाड़ा जिले में सबसे पहले प्रारंभ किया गया था। जिले में सुपोषण अभियान को ग्राम पंचायतों के माध्यम से महिला समूहों की सहभागिता से संचालित किया जा रहा है। जिले में कुपोषण और एनीमिया को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से आरंभ इस महत्वाकांक्षी सुपोषण अभियान के जरिये अब लक्षित बच्चों और माताओं में आशातीत बदलाव आया है और मुख्य रूप से लो बर्थ वेट में आशाजनक वृद्धि हुई है।
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वहीं लक्षित बच्चों सहित माताओं तथा किशोरी बालिकाओं में हीमोग्लोबिन वृद्धि हुई है। इसके साथ ही बच्चों की सेहत में सुधार हुआ है। जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को सभी 124 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत सुपोषण केन्द्रों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये 25 हजार से अधिक बच्चों, किशोरी बालिकाओं सहित पोषक माताओं एवं गर्भवती माताओं को लाभान्वित किया जा रहा है।
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इस अभियान के तहत सुपोषण केन्द्रों में लक्षित एक से 3 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों और पोषक माताओं एवं शालात्यागी किशोरी बालिकाओं को गर्म पौष्टिक भोजन सहित अंडा तथा गुड़-चना एवं मूंगफली का लड्डू प्रदान किया जा रहा है। वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों तथा गर्भवती माताओं को गर्म पौष्टिक भोजन सहित अंडा तथा गुड़-चना एवं मूंगफली का लड्डू उपलब्ध कराया जा रहा है।