कोविड-19: महाराष्ट्र के 12 जिलों में उच्च मृत्यु दर चिंता का कारण

कोविड-19: महाराष्ट्र के 12 जिलों में उच्च मृत्यु दर चिंता का कारण

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  • Publish Date - May 27, 2021 / 02:28 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:00 PM IST

मुंबई, 27 मई (भाषा) महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के नये मामलों में हालांकि लगातार कमी देखी जा रही है लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर में 12 जिलों में उच्च मृत्यु दर सरकार के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। यह बात अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कही।

महाराष्ट्र में कोविड-19 की दूसरी लहर के चरम पर रहने के दौरान प्रतिदिन 60,000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे थे और अब यहां 30,000 से कम नये मामले सामने आ रहे हैं जो समग्र स्थिति में सुधार को दर्शाता है।

हालांकि एक दर्जन जिले महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं जिनमें से अधिकांश विदर्भ क्षेत्र में हैं और उनमें से कुछ आदिवासी बहुल हैं। कोविड-19 की दूसरी लहर फरवरी के मध्य से राज्य में फैलनी शुरू हुई थी।

ये जिले सिंधुदुर्ग (कोंकण क्षेत्र), बीड, परभणी, नांदेड़, हिंगोली (मराठवाड़ा), अमरावती, यवतमाल, चंद्रपुर, वर्धा, वाशिम, गढ़चिरौली (विदर्भ) और नंदुरबार (उत्तरी महाराष्ट्र) हैं।

इन जिलों में उच्च मृत्यु दर का मुख्य कारण पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं की अनुपलब्धता बताया जा रहा है।

राज्य की मृत्यु लेखा समिति के अध्यक्ष डॉ अविनाश सुपे ने कहा कि इन जिलों में पर्याप्त चिकित्सा बुनियादी ढांचे की अनुपलब्धता इस तरह की उच्च मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों जैसा बुनियादी चिकित्सा देखभाल का एक अच्छा बुनियादी ढांचा है, लेकिन कोविड-19 के ऐसे रोगियों के इलाज के लिए सीमित बुनियादी ढांचा है जिनमें विभिन्न प्रकार की जटिलताएं विकसित हो जाती हैं।’’

नंदुरबार में आदिवासियों की बड़ी जनसंख्या है। यहां मार्च और दिसंबर 2020 के बीच 169 मौतें होने की सूचना मिली थी जब महाराष्ट्र कोविड-19 की पहली लहर की चपेट में था।

हालांकि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2021 के पहले पांच महीनों (26 मई तक) में नंदुरबार में 422 लोगों ने कोविड​​​​-19 संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इसी तरह से नांदेड़ जिले में इस साल जनवरी से कोविड-19 से 1,468 व्यक्तियों की मौत होने की सूचना है जबकि पिछले साल (मार्च-दिसंबर 2020) में 663 मौतें हुई थीं।

आदिवासी जिले गढ़चिरौली में स्थिति और भी खराब है। यहां कोविड-19 की पहली लहर में 87 लोगों की मौत की सूचना थी, लेकिन आंकड़ों के अनुसार दूसरी लहर में अब तक 316 लोगों की मौत हो चुकी है।

स्वास्थ्य अधिकारी इन जिलों में लोगों को टीकाकरण के लिए मनाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में करीब 18 मेडिकल कॉलेज हैं जो अस्पतालों से जुड़े हैं।

भाषा अमित नरेश

नरेश