महिला के ट्वीट पर कार्रवाई करने पर अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से पूछे सवाल

महिला के ट्वीट पर कार्रवाई करने पर अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से पूछे सवाल

महिला के ट्वीट पर कार्रवाई करने पर अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से पूछे सवाल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:48 pm IST
Published Date: December 1, 2020 2:40 pm IST

मुंबई, एक दिसंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि क्या सरकार हर उस व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई करने की मंशा रखती है जो ट्विटर पर आपत्तिजनक बात कहता है।

न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ शहर की निवासी सुनैना होले की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। होले पर मुंबई पुलिस और पालघर पुलिस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे के विरुद्ध ट्वीट करने के लिए मामला दर्ज किया है।

अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ के जरिये दायर याचिका में होले ने अपने विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की याचना की है।

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चंद्रचूड़ ने मंगलवार को अदालत को बताया कि होले मात्र अपनी राय व्यक्त कर रही थीं और उन्होंने अपने ट्वीट के जरिये राज्य सरकार की नीतियों की आलोचना की।

हालांकि, सरकारी वकील वाई पी याज्ञनिक ने कहा कि होले को सजा मिलनी ही चाहिए और आम तौर पर जनता को राजनीतिक दलों और नीतियों की आलोचना करने से बचना चाहिए।

पीठ ने कहा कि किसी व्यक्ति को प्राप्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार का यह मतलब नहीं है कि वह दूसरे व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करे। इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में सरकार को जनता की आलोचना का सामना करना पड़ता है।

पीठ ने कहा, “अंततः समाज को समाज और व्यक्ति के अधिकारों के बीच संतुलन बिठाना पड़ेगा। क्या आप हर उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो ट्विटर पर कुछ कहेगा? आप कितने लोगों पर कार्रवाई करेंगे?”

इसने वकील चंद्रचूड़ से कहा कि बुधवार को इस पहलु पर वह अदालत का सहयोग करें।

भाषा यश नीरज

नीरज


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