इस शहर का नाम बदले जाने के प्रस्ताव का कांग्रेस ने किया विरोध, शिवसेना ने कहा गठबंधन सरकार पर नहीं पड़ेगा असर

इस शहर का नाम बदले जाने के प्रस्ताव का कांग्रेस ने किया विरोध, शिवसेना ने कहा गठबंधन सरकार पर नहीं पड़ेगा असर

  •  
  • Publish Date - January 2, 2021 / 11:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

मुंबई, दो जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र में औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने के प्रस्ताव का कांग्रेस द्वारा विरोध किए जाने पर शिवसेना ने शनिवार को कहा कि इससे तीन पार्टियों की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि दो दिन पहले प्रदेश कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने कहा था कि उनकी पार्टी औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर किये जाने के किसी भी प्रस्ताव का सख्त विरोध करेगी।हालांकि, शिवसेना नेता संजय राउत ने भरोसा जताया है कि गठबंधन (एमवीए) में शामिल सभी दल शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस साथ बैठ कर बातचीत करेंगे, तो इस मुद्दे का हल हो जाएगा।

read more: प्रेमी के घर मिला नाबालिग प्रेमिका का शव, गुस्साए परिजनों ने किया थाने में पथराव, कई जवान घायल, आ…

थोराट ने बृहस्पतिवार को कहा था कि स्थानों का नाम बदलना तीनों सत्तारूढ़ दलों के साझा न्यूनतम कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है। उल्लेखनीय है कि शिवसेना ने दो दशक से भी अधिक समय पहले औरंगाबाद का नाम बदल कर संभाजीनगर करने की मांग की थी। इस बारे में जून 1995 में औरंगाबाद नगर निगम की आमसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसे कांग्रेस के एक पार्षद ने उच्च न्यायालय में और बाद में उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में कहा है, ‘‘कांग्रेस ने औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने के प्रस्ताव का विरोध किया है। इससे भाजपा खुश हो गई है। लेकिन इस प्रस्ताव का कांग्रेस द्वारा विरोध करना कोई नयी बात नहीं है और इसलिए इसे एमवीए सरकार से जोड़ना बेवकूफी है।’’

read more: RSS की बैठक में शामिल हुए मंत्री-विधायक और सांसद, राममंदिर निर्माण …

सामना में कहा गया है, ‘‘भले ही सरकारी रिकार्ड में नाम नहीं बदला हो, पर शिवसेना सुप्रीमो दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने उस वक्त औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर कर दिया था, जब राज्य में कांग्रेस के मुख्यमंत्री थे। लोगों ने भी इसे स्वीकार किया था। ’’ शिवसेना ने भाजपा पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए कहा, ‘‘लेकिन कुछ लोगों को लगता है कि औरंगाबाद का नाम बदले जाने का मुद्दा सत्तारूढ़ गठबंधन में मतभेद पैदा करेगा।’’ मुखपत्र में कहा गया है, ‘‘थोराट ने घोषणा की थी कि औरंगाबाद का नाम बदले जाने का कोई भी प्रस्ताव एमवीए सरकार के समक्ष आने पर, उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी। यह उनका दावा है। उनके बयान के बाद, भाजपा नेताओं ने यह मांग करनी शुरू कर दी कि शिवसेना को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। लेकिन शिवसेना ने इस पर अपने रुख में बदलाव नहीं किया है।’’

read more: PWD मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा, दिग्विजय सिंह को बेवजह बात करने की …

इसमें कहा गया है, ‘‘बालासाहेब ठाकरे ने 30 साल पहले औरंगाबाद का नाम बदल कर संभाजीनगर किया था, जिसे लोगों ने स्वीकार किया था। और जल्द ही यह आधिकारिक भी हो जाएगा। ’’मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने कहा कि भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल ने सवाल किया है कि यदि इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किया जा सकता है, फैजाबाद का नाम अयोध्या किया जा सकता है तो फिर औरंगाबाद का नाम बदल कर संभाजीनगर क्यों नहीं किया जा सकता है। शिवसेना ने कहा, ‘‘लेकिन हम पूछना चाहते हैं कि पार्टी (भाजपा) ने ऐसा क्यों नहीं किया, जब वह महाराष्ट्र में सत्ता में थी। ’’

read more: स्कूल के बाहर मादक पदार्थ बेचते दो आरोपी को पुलिस ने दबोचा, बरामद क…

पार्टी ने कहा, ‘‘किसी भी राज्य को आत्मसम्मान की बुनियाद की जरूरत होती है और यहां तक कि कांग्रेस भी सहमत है कि (मुगल शासक) औरंगजेब धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति नहीं था। महाराष्ट्र में मुसलमान शिवसेना के साथ खड़े रहे हैं। वे विकास एवं कल्याण चाहते हैं। ’’ शिवसेना ने कहा, ‘‘यह छत्रपति शिवाजी महाराज की स्मृति का अपमान होगा कि महाराष्ट्र में किसी शहर का नाम औरंगजेब के नाम पर रहे, जिसने छत्रपति संभाजी महाराज की निर्ममता से हत्या की थी।’’ पार्टी ने कहा, ‘‘लेकिन थोराट जो कह रहे हैं, वह सही है। महाराष्ट्र सरकार दबे कुचले लोगों और किसानों को न्याय देने के लिए साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) लागू करने को लेकर कर्तव्यबद्ध है।’’ पार्टी ने कहा, ‘‘नाम बदलने के प्रस्ताव का कांग्रेस का विरोध एमवीए गठबंधन पर असर डालेगा।’’

इस बीच, राउत ने कहा, ‘‘30 साल पहले बालासाहेब ठाकरे ने संभाजीनगर नाम दिया था। अब सिर्फ कागजी खानापूर्ति बाकी है। जब एमवीए के सभी सहयोगी दल साथ बैठकर बातचीत करेंगे तो मुद्दे का हल हो जाएगा। ’’ वहीं, कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने कहा है कि गठबंधन सरकार का गठन काम करने के लिए हुआ था, ना कि शहरों का नाम बदलने के लिए। उन्होंने कहा, ‘‘सीएमपी में औरंगाबाद का नाम बदले जाने का जिक्र नहीं है। ’’