कांग्रेस ने मोदी सरकार के बजट को गरीब विरोधी और किसान विरोधी बताया, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा रिटेल में एफडीआई बढा़ना छोटे व्यापरियों पर कुठाराघात

कांग्रेस ने मोदी सरकार के बजट को गरीब विरोधी और किसान विरोधी बताया, कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा रिटेल में एफडीआई बढा़ना छोटे व्यापरियों पर कुठाराघात

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  • Publish Date - July 5, 2019 / 08:25 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

रायपुर। मोदी सरकार के बजट को गरीब विरोधी किसान विरोधी बताते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इस बजट में मजदूरों, किसानों, मध्यम वर्ग के लिये कुछ भी नहीं है। निर्मला सीतारमण का बजट अम्बानी और अडानी की तरक्की बढ़ाने का बजट है, देश की तरक्की का बजट नहीं है। साथ ही रिटेल में एफडीआई बढ़ाने की अनुमति देकर मोदी सरकार ने अपनी नीयत छोटे दुकानदारों के प्रति भी साफ कर दी है।
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उन्होने कहा कि रिटेल में एफडीआई बढ़ाकर खुदरा व्यापारियों को बेरोजगार करने की साजिश है। बुजुर्ग व्यपारियों की पेशन योजना की घोषणा पर उन्होने कहा है कि खुदरा रिटेल में एफडीआई बढ़ाने के बाद मोदी सरकार सभी छोटे व्यापारियों के लिये पेंशन की व्यवस्था करे, क्योंकि उनका धंधा तो बहुराष्ट्रीय कंपनियां चौपट कर देगी। सभी व्यपारियां के लिये पेशन योजना की घोषणा करें।
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शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि बजट में मीडिया में विदेशी निवेश का कांग्रेस ने विरोध किया है। बड़े और महत्वपूर्ण समाचार पत्र, समाचार चैनल विदेशी हाथों में चले जायेंगे जिसका लगातार मीडिया जगत विरोध करता रहा है। रेल्वे इंफ्रस्ट्रक्चर के निजीकरण पर टिप्पणी करते हुये श्री त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार पैतृक संपत्ति को बेच खाने वाले बिगड़ैल बेटे की तरह काम कर रहे है।
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उन्होने कहा कि अंबानी अडानी की तरकी का बजट है। 7000 कंपनिया बंद हुयी। इनकी जगह अम्बानी अडानी की कंपनियां ले लेगी, यही मोदी सरकार की कुल अर्थनीति है। 35 करोड़ एलईडी बांटे जाने का मोदी सरकार ने इस बजट में श्रेय लेने की कोशिश की है। घटिया क्वालिटी और हुये भ्रष्टाचार की भी जिम्मेदारी स्वीकार करे।

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मनमोहन सिंह सरकार में आर्थिक सुधारों के लाभ का श्रेय लेने की नाकाम कोशिश है। पं. नेहरू के द्वारा स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र में उद्योगों और रेल्वे को निजी हाथों में देने से, निजी क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों और रेल्वे के जाने से रोजगार के अवसर कम होंगे।
रोजगार देने में मोदी सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुयी है। पेट्रोल डीजल में 1 रू. की वृद्धि से आम आदमी को नुकसान होगा। मध्यम वर्ग के लिये निराशाजनक बजट है।

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