हरियाणा। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के परिणाम अब धीरे—धीेरे साफ होने लगे हैं। अब तक आए परिणामों में कई दिग्गज नेताओं की हार हो गई है। हालांकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच अभी काटे की टक्कर चल रही है। 90 सीटों में भाजपा 38 को तो वहीं कांग्रेस को 34 सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं। दोनों पार्टियों ने बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाए हैं, ऐसे में जेजेपी 10 सीट जीत जाते हैं तो किंगमेकर के रूप में नया समीकरण से किसकी पार्टी बनेगी देखना बेहद ही दिलचस्प होगा। चलिए आपको बताते हैं कि हरियाणा के रण में किन दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा।
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साम हरियाणा की सोनीपत सीट से भाजपा ने मंत्री कविता जैन को मैदान में उतारा था। कविता जैन मनोहर सरकार की इकलौती महिला मंत्री हैं। जैन के सामने कांग्रेस ने चंद महीने पहले पार्टी में आए सुरेंद्र पंवार को मैदान में उतारा। सोनीपत सीट से मंत्री कविता जैन चुनाव हार चुकी हैं। इस सीट पर पिछले दो बार वर्ष 2009 व 2014 से लगातार कविता जैन जीत दर्ज कर चुकी हैं।
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हरियाणा की आदमपुर सीट पर भाजपा की टिक टॉक स्टार का जलवा नहीं चला। यहां उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई से हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि आदमपुर कुलदीप बिश्नोई का 52 साल पुराना गढ़ है। वर्ष 1968 से यह सीट भजनलाल परिवार के पास है और यहां से भजनलाल परिवार के अलावा दूसरा कोई जीत हासिल नहीं कर सका है।
छह माह पहले हुए लोकसभा चुनाव में आदमपुर हलके से कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते कुलदीप अपना गढ़ बचाने के लिए हलके में लोकसभा चुनाव के बाद ही जम गए थे और वो अपना गढ़ बचाने में सफल रहे हैं।
कुश्ती के मैदान के बाद सियासी दंगल में उतरे पहलवान योगेश्वर दत्त को अपने पहले ही चुनाव में मायूसी हाथ लगी। बरोदा विधानसभा सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस प्रत्याशी श्री कृष्ण हुड्डा ने पहलवान योगेश्वर दत्त को मात दी है।
बरोदा विधानसभा सीट पर वर्ष 2009 में भी कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा ने जीत दर्ज की थी। वहीं वर्ष 2014 में जब प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनी, तब भी कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा का बरोदा पर कब्जा कायम रहा।
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हरियाणा की कैथल विधानसभा सीट से दिग्गज कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला को हार का सामना करना पड़ा। एक साल के भीतर यह सुरजेवाला के लिए दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले वे जींद उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के हाथों मात खा चुके हैं। बता दें कि रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस के दिग्गज नेता और राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं। वह युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला को दो बार हराने के बाद ही सुरजेवाला राजनीति का चर्चित चेहरा बने।
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