सीएम भूपेश ने प्रदेशवासियों को दी संविधान दिवस की बधाई.. कहा- हमें गर्व है प्रदेश के कई विभूतियों ने भी अहम भूमिका निभाई

सीएम भूपेश ने प्रदेशवासियों को दी संविधान दिवस की बधाई.. कहा- हमें गर्व है प्रदेश के कई विभूतियों ने भी अहम भूमिका निभाई

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  • Publish Date - November 26, 2020 / 09:26 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि आज ही के दिन 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंगीकृत किया था। हमें गर्व है कि भारतीय संविधान के निर्माण में छत्तीसगढ़ की अनके विभूतियों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमारा संविधान सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक, राजनितिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति और अवसर की समानता प्रदान करता है।

 

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बता दें आजाद भारत के इतिहास में 26 नवंबर की खास अहमियत है। दरअसल यही वह दिन है, जब गुलामी की जंजीरों से आजाद होकर अपने स्वतंत्र अस्तित्व को आकार देने का प्रयास कर रहे राष्ट्र ने संविधान को अंगीकार किया था। इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपनी स्वीकृति दी थी। इस वजह से इस दिन को ‘संविधान दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है।

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कब और क्यों लिया गया संविधान दिवस मनाने का फैसला
साल 2015 में संविधान के निर्माता डॉ. आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिवस को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था। संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।

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भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसके कई हिस्से यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान के संविधान से लिये गये हैं। इसमें देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों का वर्णन किया गया है। विधानपालिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का क्या काम है, उनकी देश को चलाने में क्या भूमिका है, इन सभी बातों का जिक्र संविधान में है।

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हालांकि इस तारीख के साथ कुछ बरस पहले की एक दुखद घटना भी जुड़ी हुई है। 26 नवम्बर, 2008 को मुंबई में देश को दहला देने वाला आतंकवादी हमला हुआ था। देश की वाणिज्यिक राजधानी मुम्बई के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमले किए थे जिनमें 166 लोग मारे गए थे और 600 से अधिक घायल हुए थे। ये हमले तीन दिन तक चले। इस दौरान नौ हमलावर आतंकवादियों को मार गिराया गया और मुम्बई पुलिस ने एक आतंकवादी कसाब को जिंदा पकड़ लिया, जिसे बाद में फांसी दी गई।

कैसी दिखती है मूल प्रति

– 16 इंच चौड़ी है संविधान की मूल प्रति
– 22 इंच लंबे चर्मपत्र शीटों पर लिखी गई है
– 251 पृष्ठ शामिल थे इस पांडुलिपि में

कितने दिन में हुआ तैयार

पूरा संविधान तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह 18 दिन लगे थे। यह 26 नवंबर, 1949 को पूरा हुआ था। 26 जनवरी, 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ था।

– संविधान की असली कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से लिखी थी। ये बेहतरीन कैलीग्राफी के जरिए इटैलिक अक्षरों में लिखी गई है। इसके हर पन्ने को शांतिनिकेतन के कलाकारों ने सजाया था।

– संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंग्लिश दो भाषाओं में लिखी गई थीं। इन्हें आज भी भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित रखा गया है।

26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू किया गया था। इस दिन को भारत गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है।

– हाथ से लिखे हुए संविधान पर 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे जिसमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। दो दिन बाद 26 जनवरी से यह संविधान देश में लागू हो गया था।

– संविधान 25 भागों, 448 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बंटा भारतीय संविधान किसी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है.

मूल रूप से भारतीय संविधान में कुल 395 अनुच्छेद (22 भागों में विभाजित) और 8 अनुसूचियाँ थी, किंतु विभिन्न संशोधनों के परिणामस्वरूप वर्तमान में इसमें कुल 470 अनुच्छेद (25 भागों में विभाजित) और 12 अनुसूचियां हैं। संविधान के तीसरे भाग में 6 मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है।