सीएम भूपेश बघेल ने कहा, वन अधिकार दावों के निपटान के लिए अलग ​से कमिश्नर की होगी नियुक्ति, मनरेगा में अप्रैल से अब तक 1400 करोड़ मजदूरी का भुगतान

सीएम भूपेश बघेल ने कहा, वन अधिकार दावों के निपटान के लिए अलग ​से कमिश्नर की होगी नियुक्ति, मनरेगा में अप्रैल से अब तक 1400 करोड़ मजदूरी का भुगतान

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  • Publish Date - June 10, 2020 / 04:04 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में वन अधिकार मान्यता पट्टों के वितरण के कार्य में तेजी लाने और सुचारू संचालन के लिए राज्य स्तर पर एक अधिकारी को कमिश्नर के रूप में नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में वन अधिकार पट्टों के वितरण की स्थिति की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए।

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मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि सभी जिलों में वन अधिकारी पट्टों के वितरण का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाए, चाहें व्यक्तिगत दावे के प्रकरण हो या सामुदायिक दावे का इनका निराकरण तेजी से वन, राजस्व और इसके नोडल विभाग आदिम जाति विकास विभाग के समन्वय से किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हमें वनों को बचाना है, तो सामुदायिक अधिकारों के पट्टों का वितरण अधिक से अधिक किया जाना चाहिए। बैठक में जानकारी दी गई कि सामुदायिक अधिकार के 28 हजार पट्टों का वितरण किया जा चुका है। जबकि सामुदायिक अधिकारों के 34 हजार पट्टों का वितरण किया जाना है। संबंधित गांवों में 3 से 4 सामुदायिक वन अधिकार पट्टे दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन अधिकार पट्टों के निरस्त किए गए दावों पर पुनर्विचार कर निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए सभी पात्र हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र वितरित किए जाएं।

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वनोपजों में करें वेल्यू एडीशन और संग्राहकों को दिलाएं ज्यादा से ज्यादा लाभ

सीएम भूपेश बघेल ने सभी वनमण्डलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अलग-अलग लघु वनोपजों का कितना उत्पादन होता है, इसकी जानकारी संकलित करें, इससे नीति तैयार करने में मदद मिलेगी। लघु वनोपजों के वेल्यू एडीशन के लिए पहल की जाए और ऐसे प्रयास किए जाएं कि वनोपजों के संग्रहण से संग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने बस्तर और सरगुजा में तिलहन की फसल को प्रोत्साहित करने के निर्देश देते हुए कहा कि बस्तर में पहले सरसों की खेती बड़े पैमाने पर होती थी, जो अब लगभग बंद हो गई है, इसे फिर से प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

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उन्होंने एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए भी प्रयास करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब एथेनॉल प्लांट लगेंगे, तो किसान गन्ने की खेती की ओर बढ़ेंगे। बैठक में जानकारी दी गई कि बारिश से धान की सुरक्षा के लिए धान खरीदी केन्द्रों पर चबूतरों के निर्माण के 4622 कार्याें की स्वीकृति राज्य स्तर से दी गई है। इन कार्योें में से 4323 कार्याें की स्वीकृति संबंधित जिलों से जारी कर दी गई है। कलेक्टरों को 30 जून के पहले चबूतरों का निर्माण पूरे करने के निर्देश दिए। बैठक में यह जानकारी दी गई कि प्रदेश में नवगठित 704 ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत भवन निर्माण की स्वीकृति जारी कर दी गई है, इनमें से 394 भवनों के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है।

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मनरेगा में अप्रैल से अब तक 6.10 करोड़ मानव दिवस का रोजगार और 1400 करोड़ रूपए की मजदूरी भुगतान

बैठक में बताया गया कि मनरेगा के तहत अप्रैल से लेकर अब तक 6 करोड़ 10 लाख मानव दिवस का रोजगार का कार्य किया जा चुका है, जिसमें 1400 करोड़ रूपए की मजदूरी का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन के दौरान मनरेगा के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए किए गए कार्याें की सराहना करते हुए कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति और लोगों को बड़ी राहत मिली है।