कोरबा। कोरोना का हाॅटस्पाॅट बन चुके कटघोरा के हालात फिलहाल काबू में नजर आ रहे हैं। यहां से भेजे गए 38 सौ से अधिक सैम्पल नेगेटिव आने के बाद स्वास्थ्य अमले सहित प्रशासन ने राहत की सांस ली है। स्वास्थ्य अमले सहित एक-एक कोरोना वाॅरियर्स की सैंपल की जांच कराई गई है। काफी महत्वपूर्ण यह रहा कि प्रशासनिक प्रयासों और समय पर लिए गए बेहतर फैसलों के बीच कोरोना संक्रमण कटघोरा के मस्जिदपारा इलाके के केवल 100 मीटर एरिया में ही सिमटकर रह गया।
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बीते 10 दिनों से एक भी कोरोना मरीज पॉजिटिव नहीं आया है, कटघोरा में मिले 27 कोरोना मरीजों में से 23 ठीक होकर लौट चुके हैं। किसी भी हाॅटस्पाॅट जिले में ठीक होकर लौटने वाले मरीजों का यह आंकडा अब तक का सबसे बेहतर आंकडा है जबकि बचे 4 लोगों की सेहत में भी तेजी से सुधार की ख़बर है।
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एम्स के चिकित्सकों के बेहतर ईलाज की उपलब्धि के साथ ही प्रशासनिक तौर पर हाॅटस्पाॅट जिले की एकमात्र महिला कलेक्टर किरण कौशल के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं हैै। कटघोरा के कोर एरिया के सभी परिवारों की सैम्पलिंग होने व कटघोरा के एक-एक घर का सर्वे पूरा होने के बाद कलेक्टर किरण कौशल ने अब कोरबा के एक-एक घरों का सर्वे काम शुरू कराया है।
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स्वास्थ्य कर्मी, आंगनबाडी कार्यकर्ता और शिक्षकों की बनी टीम यहां एक-एक घर का सर्वे कर लोगों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे, वहीं एक वृहद रूप से रहवासियों का डेटा भी तैयार होगा जिससे किसी के भी कोरोना संदिग्ध नज़र आए जाने पर उसकी विस्तृत जानकारी प्रशासन के पास पहले से मौजूद रहे। देखा गया है कि कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिलने के बाद काफी बड़ा समय काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग व कम्पिलीट लाॅकडाउन में निकल जाता है लेकिन पहले से जानकारी मौजूद रहने से इसमें आसानी होगी।
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वहीं दूसरी ओर सर्दी, खांसी, बुखार सहित गर्भवर्ती महिलाओं की जानकारी मिलने पर उनको घर पर ही उपचार किया जा सकेगा व जरूरत होने पर उनसे फाॅलोअप लेकर अस्पताल भी लाया जा सकता है। कोरोना चैन को तोड़ने कलेक्टर की यह पहल काफी प्रभावी मानी जा रही है।