छत्तीसगढ़ महिलाओं के लिए असुरक्षित, रोजाना दर्ज होते हैं रेप के 5 केस
छत्तीसगढ़ महिलाओं के लिए असुरक्षित, रोजाना दर्ज होते हैं रेप के 5 केस
रायपुर। ये ख़बर परेशान करने वाली है, डराने वाली है, लेकिन सच है और आपके लिए सच जानना ज़रूरी है क्योंकि सतर्कता ही बचाव है। अपराधों के मामले में छत्तीसगढ़ पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की तुलना में सुरक्षित राज्य माना जाता है, लेकिन महिलाओं के साथ दुराचार के मामले जिस तेज़ी से यहां बढ़ रहे हैं, वो हैरान करने वाले हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े देश के किसी भी राज्य में होने वाले अपराध के मामले में सबसे विश्वसनीय और सटीक माने जाते हैं। महिलाओं के साथ दुराचार के मामलों के बारे में एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश पहले नंबर पर है, जबकि छत्तीसगढ़ आठवें स्थान पर है। इन्हीं आंकड़ों को अगर आबादी के हिसाब से देखा जाए तो छत्तीसगढ़ दुराचार के मामले में देश में दूसरे नंबर पर है।
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छत्तीसगढ़ में प्रति लाख जनसंख्या पर औसतन 12.2 महिलाओं के साथ दुराचार के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि साल दर साल दुराचार के मामले बढ़ते ही चले जा रहे हैं, जो छत्तीसगढ़ में महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाता है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2012 में दुष्कर्म के 1034 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2013 में बढ़कर 1380 और 2014 में 1436 तक पहुंच गए।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2012 में दुष्कर्म के 1034 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2013 में बढ़कर 1380 और 2014 में 1436 तक पहुंच गए। pic.twitter.com/r2a8IWEarU
— VERMA AMAN (@AMANV9258) December 27, 2017
2015 की बात करें तो छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म के 1560 मामले दर्ज किए गए। इसी साल रेप की कोशिश के 19 मामले दर्ज हुए। कुल मिलाकर 2015 में यौन उत्पीड़न के 3500 मामले पुलिस में दर्ज कराए गए।
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एनसीआरबी के आंकड़ों से ये साफ है कि छत्तीसगढ़ में यौन उत्पीड़न, बलात्कार के मामले हर साल बढ़ते जा रहे हैं। एनसीआरबी के आंकड़े तो 2015 तक के ही अभी सामने आए हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस में दर्ज 2016 के मामलों को देखें तो दुष्कर्म के 1700 केस दर्ज किए गए। इस साल यानी 2017 में अभी आखिरी हफ्ता ही चल रहा है, लेकिन 2016 यानी पिछले साल से ज्यादा रेप केस दर्ज किए जा चुके हैं। 2017 में 1717 रेप केस और 60 गैंगरेप यानी कुल 1777 मामले हैं और ये आंकड़ा आधी आबादी के लिए बड़ा खतरा बनकर सामने आया है। 2014 से लेकर 2017 तक सामूहिक बलात्कार के 250 से भी ज्यादा मामले छत्तीसगढ़ में दर्ज किए जा चुके हैं।
Providing safety to women is only an election gimmick for the BJP. Neither do they know how to protect women, nor do they have the intention to provide safety to women. pic.twitter.com/GjnqxMPIuR
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) December 26, 2017
तो देखा आपने 2017 में अभी तक 1777 रेप और गैंगरेप केस दर्ज किए जा चुके हैं, जो औसतन 5 वारदात प्रति दिन है। ये आंकड़े सिर्फ उन मामलों के हैं, जिनकी शिकायत पुलिस तक पहुंचती है, बलात्कार के कई मामलों में पीड़ित पक्ष पुलिस के पास पहुंच नहीं पाता या पहुंचना नहीं चाहता।
वेब डेस्क, IBC24

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