चंद्रशेखर ने देश के सभी ज्वलंत मुद्दों को सुलझाने की कोशिश की : हरिवंश
चंद्रशेखर ने देश के सभी ज्वलंत मुद्दों को सुलझाने की कोशिश की : हरिवंश
बलिया (उप्र) 18 अप्रैल (भाषा) राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा है कि चंद्रशेखर ने जब प्रधानमंत्री का दायित्व संभाला तो देश गहरे आर्थिक, राजनीतिक संकट से गुजर रहा था और पूर्ववर्ती सरकार की गलत नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था आईसीयू में चली गई थी लेकिन ऐसी विकट परिस्थिति में चंद्रशेखर ने सभी ज्वलंत मुद्दों को अपनी राजनीतिक सूझबूझ से सुलझाने की कोशिश की।
उपसभापति ने शनिवार की रात्रि यहां जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती पर आयोजित एक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि अभावों में बचपन गुजारने वाले चन्द्रशेखर विलक्षण राजनेता थे और जब वह प्रधानमंत्री बने तो पंजाब, कश्मीर, अयोध्या की समस्या चरम पर थी लेकिन उन्होंने सबके समाधान का प्रयास किया।
हरिवंश ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में उनका सफल और कामयाब होना ही उनकी विफलता थी क्योंकि उन्होंने हमेशा अलग राह पर चलने का साहस दिखाया।
उन्होंने इतिहासकार रोड्रिक मैथ्यूज की पुस्तक ‘चंद्रशेखर: वे छः महीने जिन्होंने भारत को बचा लिया’ का हवाला देते हुए कहा कि ”चंद्रशेखर को कई गंभीर समस्याएं विरासत में मिली थी । कुछ मुद्दों को वे सुलझाने के करीब भी पहुंचे। यह बात कुछ नेताओं को नागवार लगी और इसका नतीजा हुआ कि चन्द्रशेखर को सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।”
संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने कहा कि चन्द्रशेखर सिद्धांत की राजनीति करने वाले नेता थे और वह असहमति का साहस रखने वाले नेता थे।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय ने चंद्रशेखर के विचारों एवं नीतियों के अध्ययन तथा अनुशीलन के लिए ‘जननायक चन्द्रशेखर शोधपीठ’ की स्थापना की घोषणा की।
भाषा सं आनन्द राजकुमार
राजकुमार

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