रायपुर। छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग के छापे से एक बार फिर राजनीति गर्म हो गई है, एक तरफ जहां कांग्रेस आईटी के छापे का विरोध कर रही है वहीं भाजपा अब आईटी छापा के समर्थन में उतर आई है। इसी कड़ी में आज छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आईटी के छापेमार कार्रवाई पर विरोध दर्ज कराया है और सवाल उठाया है, वहीं भाजपा ने भी पलटवार किया है।
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आयकर छापे पर भाजपा से रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कहा प्रदेश की सरकार को आयकर का सहयोग करना चाहिए, बवाल- भय का वातावरण निर्मित करके कोई बच नहीं सकता। अगर वैध कमाई से सरकार चल रही है तो इस छापे से अस्थिरता कैसे हो गई? उन्होने कहा कि वेतन मिलता है नेता-अधिकारियों को उससे गुजारा करना चाहिए।
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वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि आईटी का छापा पहली बार नहीं पड़ा है, इससे पहले यूपीए और एनडीए की सरकार थी तब भी ऐसी कारवाई हुई थी। रमन की सरकार थी तब भी ऐसे कारवाई हुए हैं, यह प्रक्रिया है। जो भी इंक्वायरी और इंफॉर्मेशन होगी उस पर देशभर में कार्रवाई होती रहती है, इसे राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
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वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इतनी बौखलाहट क्योँ है भाई, मुझे समझ नहीं आ रहा। यहां 69 विधायक हैं और 4-5 अधिकारियों के यहां छापे पड़े हैं, ऐसी छटपटाहट क्योँ और किसके लिए हो रही है? यह मैं नहीं समझ पा रहा। पूर्व सीएम ने कहा कि इतनी बौखलाहट मैने कभी नहीं देखी, यहां से लेकर दिल्ली तक हिल गए हैं।
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रमन सिंह ने कहा कि इस प्रश्न का जवाब नहीं मिल पा रहा है कि अधिकारियों के घर छापा मारने से सरकार को कैसे खतरा पड़ रहा है? शहर के अधिकारियों के खिलाफ यदि भ्रष्टाचार के आरोप में आईटी विभाग जांच कर रहे तो सरकार को इसलिए क्या हो रहा है? यदि किसी के पास अघोषित संपत्ति मिलती है तो उस पर केस बनाएगा, आईटी का छापा तो एक सामान्य प्रक्रिया है।