पटना, 27 जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने रविवार को यह कहते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव सहित अन्य विपक्षी नेताओं पर परोक्ष रूप से निशाना साधा कि ‘‘हमारे कार्यकर्ता’’ हाल में कोविड-19 मामलों में वृद्धि से व्यथित लोगों की मदद करने के लिए सड़कों पर थे जबकि अन्य लोग सुरक्षित ठिकाने से केवल ट्विटर पर सक्रिय रहे।
बिहार भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए नड्डा ने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर टीकाकरण को लेकर लोगों के बीच भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे मौके पर भी विपक्ष ने राजनीति के अलावा कुछ नहीं किया।
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान बिहार से गायब रहने के आरोपों का सामना कर रहे तेजस्वी यादव ने पिछले हफ्ते दिल्ली में करीब एक महीने बिताने के बाद पटना लौटने पर कहा था कि वह अपने बीमार पिता लालू प्रसाद (राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष) की देखभाल कर रहे थे।
नीतीश कुमार सरकार की आलोचना करने के लिए यादव अक्सर ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं।
नड्डा ने कहा, ‘‘हम सेवा ही संगठन है, के साथ जीते हैं। हमारे कार्यकर्ताओं ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान बिना किसी घबराहट के जरूरतमंदों की मदद की।’’
उन्होंने राजद और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी मैंने कहा था कि वे कोरोना वायरस की पहली लहर में गायब रहे। शुरू में दिल्ली में बैठे रहे और चुनाव के समय ही केवल आकर बात करनी शुरू की थी। आज भी मैं देखता हूं कि कोई विपक्षी नेता नहीं दिखता और काम करते हुए अगर दिखते हैं तो वह भाजपा के लाखों कार्यकर्ता।’’
नड्डा ने केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस महामारी से लडने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करने के साथ ही तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मुझे दुख के साथ यह कहना पड़ता है राजद के नेता बहुत सी बातें करेंगे। इनके पुराने ट्वीट निकालकर देखें। इन्होंने टीकाकरण को लेकर क्या बोला है। विपक्ष ने क्या बोला।’’
उन्होंने कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों पर टीकाकरण को लेकर लोगों के बीच भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे मौके पर भी विपक्ष ने केवल राजनीति के अलावा कुछ नहीं किया।
भाजपा नेता ने बिहार की राजधानी पटना से अपने संबंधों का उल्लेख करते हुए युवा पीढ़ी को कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान की गई ज्यादतियों और लालू प्रसाद-राबड़ी देवी के 15 साल के शासन के दौरान ‘‘अराजकता’’ की याद दिलाने की आवश्यकता दोहरायी।
1970 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय सदस्य रहे नड्डा ने कहा, ‘‘आपातकाल के दौरान कदम कुआँ स्थित जयप्रकाश नारायण के घर जाने वाले रास्ते होकर जाना ही गिरफ्तारी का कारण बन जाता था। जेल में रहते हुए अश्विनी कुमार चौबे (केंद्रीय मंत्री) जैसे हमारे साथियों को अनकही क्रूरताओं का सामना करना पड़ा। आज के युवा यह सब नहीं जानते। उन्हें इन चीजों के बारे में बताया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए हमारी पीढ़ी के बलिदान के बारे में बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें लालू के शासनकाल के दिनों की भी याद दिलाई जानी चाहिए जब लोग सूर्यास्त के बाद बाहर निकलने से डरते थे और चिकित्सकों और पेशेवरों ने बड़े पैमाने पर जबरन वसूली रैकेट और फिरौती के लिए अपहरण के डर से बिहार छोडना शुरू कर दिया था।’’
उल्लेखनीय है कि राजद और कांग्रेस पुराने सहयोगी हैं और उन्होंने राज्य के साथ-साथ केंद्र में भी सत्ता साझा की है।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन पर निशाना साधते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक किस्सा साझा किया था कि जब यह बताने के लिए कहा गया कि उन्हें कौन से प्रावधान आपत्तिजनक लगते हैं, तो प्रदर्शनकारी किसी का भी उल्लेख नहीं कर सके लेकिन उन्होंने एक आंदोलन शुरू किया है।’’
उन्होंने पार्टी नेताओं से किसानों, लघु और मध्यम उद्योगों और समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यों से आम जनता को अवगत कराने का भी आग्रह किया।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कोविड-19 के खिलाफ सभी के टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने और ‘‘मेरा बूथ- कोरोना मुक्त, टीकाकरण युक्त’’ के आदर्श वाक्य के साथ काम करने का आह्वान किया।
भाषा अनवर अर्पणा अमित
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