पटना, पांच मार्च (भाषा) बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि राज्य विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानदंडों के अनुसार आबादी के अनुपात में चिकित्सकों की संख्या को पूरा करता है क्योंकि 12 करोड़ की आबादी वाले इस प्रदेश में 1,20,000 चिकित्सकों के खिलाफ 1,19,000 चिकित्सक हैं।
बिहार विधानसभा में राजद सदस्य ललित ललित कुमार यादव के एक अल्पसूचित प्रश्न का जवाब देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानदंड प्रत्येक 1,000 लोगों पर एक डॉक्टर होने का जिक्र करते हुए का उल्लेख करते हुए पांडेय ने कहा कि राज्य की आबादी 12 करोड है और डब्ल्यूएचओ के मानदंड के अनुसार 1,20,000 चिकित्सक होना चाहिए लेकिन वर्तमान में राज्य में 1,19,000 चिकित्सक हैं।
मंत्री ने कहा कि राज्य में वर्तमान में मौजूद 1,19,612 चिकित्सकों में से 40,100 एलोपैथिक चिकित्सक, 33,922 आयुर्वेदिक चिकित्सक, 34,257 होम्योपैथिक चिकित्सक, 5,203 यूनानी चिकित्सक, 6,130 दंत चिकित्सक और 31,414 नर्स हैं।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का विस्तार करना एक सतत प्रक्रिया है। सरकार डॉक्टरों और नर्सों को डब्ल्यूएचओ के मानदंडों को पूरा करने के लिए 11 नए मेडिकल कॉलेज, 23 नए जीएनएम स्कूल, 54 नर्सिंग स्कूल और 28 नए पैरा मेडिकल संस्थान खोल रही है।
पांडेय ने कहा कि भविष्य में नए संस्थानों के खुलने से स्थिति (आबादी के अनुपात में चिकित्सकों की संख्या) में और सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि 929 विशेषज्ञ डॉक्टरों और 3,186 सामान्य डॉक्टरों को पिछले साल जुलाई और सितंबर के बीच विभिन्न संस्थानों में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा डॉक्टरों के 6,338 पद जिनमें 3,706 विशेषज्ञ डॉक्टर और 2,632 सामान्य चिकित्सक शामिल हैं, खाली हैं। सरकार ने रिक्तियों को भरने के लिए सामान्य प्रशासन के माध्यम से बिहार तकनीकी सेवा आयोग को अनुरोध भेजा है।
पांडेय ने कहा कि जब आयोग से सिफारिशें प्राप्त होंगी तो डॉक्टरों की नियुक्ति की जाएगी।
भाषा अनवर अर्पणा
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