बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के सचिव रहे अमन सिंह व उनकी पत्नी यास्मीन सिंह को हाईकोर्ट के एक फैसले से तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने कहा है कि यास्मीन सिंह के खिलाफ आपराधिक मामलों में शासन कार्रवाई कर सकता है। वहीं हाईकोर्ट ने कहा कि विभागीय मामलों में दंडात्मक कार्रवाई पर रोक जारी रहेगी।
ये भी पढ़ें:स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की मां की बिगड़ी तबीयत, लंबे समय से मेदांता में चल रहा उपचार
बता दें कि कांग्रेस नेता विकास तिवारी ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए यास्मीन सिंह की संविदा नियुक्ति में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था। इस मामले में जस्तिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया है।
ये भी पढ़ें: नया फरमान: टीचरों को बताना होगा कितने विद्यार्थी लाने वाले हैं 80 फ…
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पिछले साल 13 फरवरी को अमन सिंह बनाम शासन और 21 अक्टूबर को यास्मीन सिंह बनाम शासन के मामलों में स्थगन आदेश दिए थे। इन आदेशों के चलते अमन सिंह एवं यास्मीन सिंह के खिलाफ जांच संबंधी किसी भी कार्रवाई पर अदालत ने रोक लगा दी थी।
ये भी पढ़ें: मॉब लिंचिंग केस: मास्टर माइंड के गुजरात में छिपे होने की मिली जानका…
रोक के खिलाफ राज्य सरकार स्टे को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। इसी की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्टे हटाने का निर्देश नहीं दिया, लेकिन छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देश दिए कि इस प्रकरण का त्वरित निराकरण किया जाए।
ये भी पढ़ें: बड़ी प्रशासनिक सर्जरी, 52 IPS अधिकारियों का तबादला आदेश जारी
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को यह निर्देश भी दिए कि अमन सिंह की रिट पर फैसला किया जाए। यह मामला 26 फरवरी को सूचीबद्ध है। यास्मीन सिंह संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि वे हाईकोर्ट के समक्ष 10 फरवरी को अपना पक्ष रखें।