अंबिकापुर। शहर को व्यवस्थित करने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर की परिकल्पना करीब 10 साल पहले की गई थी तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अंबिकापुर में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की घोषणा भी कर दी थी मगर अब तक अंबिकापुर शहर को ट्रांसपोर्ट नगर की सौगात नहीं मिल सकी आलम यह है कि बेतरतीब तरीके से शहर में वाहनों की कतारें लगी हैं जिसके कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं और जाम की स्थिति बनी रहती है।
ट्रांसपोर्ट नगर अस्तित्व में तो नहीं आ सका मगर इसे लेकर राजनीति जरूर शुरू हो गई है कांग्रेस जहां भाजपा पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रही है तो वहीं भाजपा का आरोप है कि पिछले 5 सालों से निगम में कांग्रेस की सरकार है और अब प्रदेश में भी कांग्रेस की सत्ता मगर अब तक कांग्रेस ट्रांसपोर्ट नगर को लेकर कोई पहल नहीं कर सकी।
दरअसल अंबिकापुर में ट्रांसपोर्ट नगर को व्यवस्थित करने के लिए गंगापुर में जमीन के आवंटन के साथ ही गुमटियों का निर्माण करा दिया गया करीब 10 साल पहले शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किया था और घोषणा की थी कि जल्द ही अंबिकापुर नगर निगम को ट्रांसपोर्ट नगर की सौगात मिल जाएगी मगर 10 साल बीत गए अब तक ट्रांसपोर्ट नगर अस्तित्व में नहीं आ सका आलम यह है कि यहां पड़े गुमटीया खराब हो गई और लोगों को आवंटित तक नहीं हो सकी अब भी शहर के पॉश इलाके में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय संचालित है जिससे शहर अव्यवस्थित हो रहा है।
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ऐसे में कांग्रेस का आरोप है कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने इस ओर कोई पहल नहीं किया मुख्यमंत्री ने घोषणा जरूर कर दी मगर इसके लिए कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई यही कारण है कि भाजपा की वादाखिलाफी के कारण ट्रांसपोर्ट नगर अस्तित्व में नहीं आ सका इधर कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा पलटवार भी कर रही है भाजपा का कहना है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद इस और पहल भी की गई मगर नगर निगम अंबिकापुर में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद इस और कोई प्रयास नहीं किया गया।
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अब जब कांग्रेस की सरकार प्रदेश में भी है तब भी कांग्रेस इस और कोई पहल नहीं कर रही। ऐसे में कहा जा सकता है कि ट्रांसपोर्ट नगर भले ही अस्तित्व में नहीं आ सका मगर इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच में राजनीतिक बयानबाजी जरूर शुरू हो गई है ऐसे में कोशिश बयानबाजी के बजाय ट्रांसपोर्ट नगर को मूर्त रूप देने में होना चाहिए ताकि शहर अव्यवस्था से निजात पा सके और लोगों को भी राहत मिल सके।
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