मुंबई: ‘विक्की डोनर’ और ‘परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोकरण’ जैसी फिल्मों में यादगार अभिनय के लिए आलोचकों की भी सराहना बटोरने वाले अभिनेता भूपेश पांड्या का निधन हो गया। उनकी आयु 45 के करीब थी। अभिनेता एवं पांड्या के सहयोगी राजेश तैलंग ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) से स्नातक पांड्या फेफड़े के कैंसर से पीड़ित थे, गुजरात के अहमदाबाद के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था और इलाज के लिए उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत थी। एनएसडी में पांड्या के वरिष्ठ रह चुके तैलंग ने बताया कि कुछ साथियों ने अभिनेता की आर्थिक मदद के लिए ऑनलाइन चंदा करके 20 लाख रुपए जुटाए थे लेकिन पांड्या की बुधवार को मौत हो गई।
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उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘ वह एनएसडी में मेरा कनिष्ठ था और हमने एक साथ बहुत काम किया। जब मुझे उसकी सेहत और इलाज में आने वाले खर्च के बारे में पता चला तो मैंने इसे लोगों के साथ साझा करने का सोचा।’’ तैलंग ने कहा,‘‘चंदा एकत्र करने की साइट कीटो के जरिए करीब 21 से 22 लाख रुपए इकट्ठा हो गए और कुछ लोगों ने सीधे उनकी पत्नी के खाते में पैसे डाले, लेकिन यह दुखद है कि गुजरात के अपोलो अस्पताल में कल उनका निधन हो गया।’’
पांड्या ने शुजीत सरकार की 2012 में आई फिल्म ‘विक्की डोनर’’ में चमन का किरदार निभाया था। उन्होंने ‘‘हज़ारो ख्वाहिशें ऐसी’’ और ‘‘गांधी टू हिटलर’’ जैसी फिल्मों में भी काम किया था। एनएसडी में उनके सहयोगियों और अभिनेता मनोज वाजपेयी, गजराज राव और कास्टिंग डायरेक्टर-फिल्म निर्माता मुकेश छाबड़ा जैसे अन्य सहयोगियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
ड्रामा स्कूल के आधिकारिक अकांउट से ट्वीट किया गया,‘‘ भूपेश कुमार पांड्या के (पूर्व छात्र, एनएसडी, 2001 बैच) मौत की खबर बेहद दुखद है। एनएसडी परिवार हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे।’’ मनोज बाजपेयी ने ट्वीट किया,‘‘भगवान भूपेश पांड्या की आत्मा को शांति दे।’’ एनएसडी के अनुसार, पांड्या का अंतिम संस्कार उनके पैतृक आवास राजस्थान के बांसवाड़ा में किया जाएगा। उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी और दो बच्चे हैं।
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