7वीं आर्थिक गणना 16 से होगी शुरू, कॉमन सर्विस सेंटरों से होगी जनगणना

7वीं आर्थिक गणना 16 से होगी शुरू, कॉमन सर्विस सेंटरों से होगी जनगणना

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  • Publish Date - August 10, 2019 / 02:50 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:26 PM IST

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में 7वीं आर्थिक गणना के प्रथम चरण के तहत 16 अगस्‍त 2019 से आर्थिक गणना का कार्य शुरू किया जाएगा। छत्‍तीसगढ़ राज्‍य के सभी 27 जिलों के 20082 ग्रामों एवं शहरी क्षेत्रों के 9364 प्रगणक खंडों में 7वीं आर्थिक गणना का कार्य किया जाना है, जिसमें 8446 ग्रामों एवं 3765 प्रगणक खंडों में प्राथमिकता के आधार पर पहले कार्य प्रारंभ किया जा रहा है ।

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आर्थिक गणना का कार्य कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा नियुक्‍त प्रशिक्षित प्रगणकों द्वारा किया जाएगा । कार्य की गुणवत्‍ता हेतु राष्‍ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के वरिष्‍ठ सांख्यिकी अधिकारियों तथा राज्‍य आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के अधिकारियों तथा जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षण किया जाएगा । देश में इस कार्य को पूरा करने के लिए कुल 9 लाख प्रगणकों एवं 3 लाख पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित कर आर्थिक गणना के कार्य में लगाया जाएगा ।

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राज्य, जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर आयोजित विभिन्न स्‍तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों में राष्‍ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय तथा आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है । छत्तीसगढ़ राज्य में सातवीं आर्थिक गणना के समन्‍वयन हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समन्वयन समिति का गठन किया गया है । समिति 7वीं आर्थिक गणना की तैयारियों, प्रगति तथा संभावित गतिरोधों को दूर करने के लिए निरंतर समीक्षा करेगी । यह समिति 7वीं आर्थिक गणना से प्राप्त डाटा का वर्तमान उपलब्ध डेटाबेस, राज्य बिजनेस रजिस्टर से मिलान कर यह सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक इकाई 7वीं आर्थिक गणना में सम्मिलित की गई है या नहीं ।

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यह समिति व्यावसायिक संघो एवं आम जनता को सातवीं आर्थिक गणना के कार्यो में सहयोग करने के लिए जागरुक कर निर्देशित करेगी । छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलो में प्रत्येक जिले के जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वयन समिति का भी गठन किया गया है । सांख्यिकी आंकड़ों के संग्रहण अधिनियम 2008 के प्रावधानों के तहत प्रत्‍येक परिवार एवं व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठानों से आंकड़े एकत्र किए जाएंगे । एकत्रित किए गए आंकड़ों को गोपनीय रखा जाएगा । पहली बार प्रपत्रों एवं पेपर अनुसूची के स्थान पर गणना का कार्य मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा किया जायेगा। इस दौरान देश भर में लगभग 27 करोड़ परिवारों एवं 7 करोड़ प्रतिष्ठानों से संपर्क कर आर्थिक गणना का कार्य सम्पन्न किया जायेगा ।

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