भोपाल। मध्यप्रदेश में आये दिन बढ़ रहे सियासी खींचतान के बीच अब मध्य प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा सकती है। क्योंकि शिवराज सरकार ने पूर्व की कमलनाथ सरकार के एक महत्वपूर्ण फैसला पलटने का निर्णय किया है। सरकार के फैसले के मुताबिक नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने फिर से नगर परिषदों के गठन को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अधिसूचना निरस्त होने के बाद पंचायतों के परिसीमन का जो कार्यक्रम जारी किया गया था शासन द्वारा उसे भी स्थगित कर दिया गया है।
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दरअसल वर्ष 2018 की तत्कालीन सरकार ने अपने कार्यकाल में चुनाव से पहले 30 नई नगर परिषद के गठन का निर्णय लिया था। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी लेकिन सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने इस फैसले को पलटते हुए 22 नगर परिषदों को पंचायत क्षेत्र में शामिल करने का निर्णय लिया था।
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जिसके बाद इस साल सत्ता परिवर्तन होने के बाद जब पिछले सरकार के फैसलों की फाइलों में से नगर परिषदों के गठन को निरस्त करने की फाइल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निरस्त कर दिया था। इसके साथ ही नगर परिषदों के गठन की अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए है ।
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