राज्य में शराबबंदी को लेकर दायर हुईं दो जनहित याचिकाएं, दुकानों पर भीड़ से कोरोना फैलने की जताई आशंका

राज्य में शराबबंदी को लेकर दायर हुईं दो जनहित याचिकाएं, दुकानों पर भीड़ से कोरोना फैलने की जताई आशंका

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  • Publish Date - May 10, 2020 / 04:07 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में शराब दुकानें खुलने के विरोध के बीच अब इसे बंद कराने की मांग हाईकोर्ट तक पहुंच गई है। हाईकोर्ट में मामले को लेकर दो जनहित याचिकाए दायर की गई है। एक याचिका में दुकान खुले रहने की स्थिति में केंद्रीय गृह मंत्रालय से जारी निर्देश का सही तरीके से पालन कराने के आदेश देने की मांग की गई है। दोनों याचिकाओं में याचिकाकर्ता खुद पैरवी करेंगे।

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जनहित याचिकाएं अधिवक्ता तुषार धर दीवान के साथ साथ रायगढ़ निवासी राधेश्याम शर्मा की ओर से हाईकोर्ट में कोर्ट में प्रस्तुत की गई है। दोनों याचिकाओं में राज्य भर में खोली गई शराब दुकानों को बंद कराने की मांग की गई है। जिसमें तुषार दीवान ने अपनी याचिका में मांग उठाई है कि जब तक दुकानें खुली हैं तब तक शराब खरीदने वालों के बीच 6 फीट की दूरी बनाकर रखने, होम डिलीवरी के 120 रुपए चार्ज को कम करने की मांग की गई है।

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साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के हिसाब से शराब दुकानों के सामने लगने वाली भीड़ को नियंत्रित करने की मांग की है। इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान अन्य दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया है। याचिका में राज्य शासन के निर्देश का भी हवाला दिया गया है। जिसमें मृत्यु पर 20 लोग और शादी में 15 लोग से ज्यादा की अनुमति नहीं है। कहा गया है कि ऐसे में शराब दुकानों के सामने असंख्य भीड़ से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ेगा।

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याचिका में राज्य सरकार के साथ, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव, पुलिस महानिदेशक, छत्तीसगढ़ राज्य बेवरेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध संचालक और केंद्र सरकार को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में कहा गया है, एक हाई पावर कमेटी का गठन किया जाए। ये हर दिन शराब दुकानों के सोशल डिस्टेंसिंग की जांच करे। होम डिलीवरी पर शराब पहुंचाने जाने वाले डिलीवरी ब्वॉय को नो फिजिकल कॉन्टेक्ट डिलीवरी की ट्रेनिंग दी जाए। शराब दुकानों के सामने सैनिटाइजेशन टनल लगे।शराब दुकानों के सेल्समेन को ट्रेनिंग के साथ इक्यूपमेंट, ग्लव्स, मास्क दिया जाए। साथ ही शराब लेने के लिए महाराष्ट्र के पुणे की तर्ज पर टोकन व्यवस्था शुरू हो।

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याचिका में कहा गया है कि शराब पीना खतरनाक होता है। इसके पीने से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होगी इसलिए शराब की मात्रा कम दी जाए। निम्न आय और मध्यमवर्गीय परिवार में शराब की खपत ज्यादा होती है, उनके पास जीवनयापन के लिए भी पैसा नहीं है। ऐसे में शराब दुकानों पर लोग पैसा ज्यादा खपत करेंगे। इसलिए शराब दुकानों को बंद किया जाना जरूरी है। दोनों याचिकाओं पर एक साथ इसी हफ्ते सुनवाई हो सकती है।