मुंबई, भारत की अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान रहे उन्मुक्त चंद ने शुक्रवार को खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की। चंद अपनी यह सफलता सीनियर स्तर पर नहीं दोहरा सके। शुक्रवार को सोशल मीडिया पर उन्होंने लगातार ट्वीट कर इस फैसले की घोषणा की। 28 साल के इस खिलाड़ी ने अपनी कुछ यादगार वीडियो के साथ एक लंबा सा नोट भी लिखा।
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पूरी संभावना है कि चंद अपने अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के साथी समित पटेल की तरह अमेरिका में टी20 लीग में खेलेंगे। वहां पर खेलने के लिये उन्हें संन्यास की घोषणा करनी पड़ती क्योंकि बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) अपने पंजीकृत खिलाड़ियों को विदेशी टी20 लीग में भाग लेने की अनुमति नहीं देता।
चंद ने नोट में लिखा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से चीजें हुई थीं, उससे मैं अंदर से शांत नहीं था। मैं फिर भी उम्मीद की किरण देखता हूं और यादगार स्मृतियों के साथ बीसीसीआई को अलविदा कहता हूं तथा दुनिया भर में बेहतर मौकों की तलाश करूंगा। ’’
दांये हाथ के बल्लेबाज और ऑफ ब्रेक गेंदबाज चंद ने 2012 में भारतीय अंडर-19 टीम की अगुआई करते हुए विश्व कप दिलाया था जिसके बाद वह देश भर में सुर्खियों में आ गये। चंद फाइनल में ‘मैन आफ द मैच’ रहे क्योंकि उनकी 111 रन की नाबाद पारी ने भारत को जीत की ओर अग्रसर किया था।
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पूर्व अंडर-19 कप्तान ने लिखा, ‘‘क्रिकेट दुनिया भर में खेला जाता है और भले ही मतलब बदल जाये लेकिन अंतिम लक्ष्य हमेशा वही रहता है – जो शीर्ष स्तर पर क्रिकेट खेलना है। ’’
उन्होंने बीसीसीआई का भी आभार व्यक्त किया और अंडर-19 विश्व कप जीत को अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा पल करार किया।
चंद ने लिखा, ‘‘बीसीसीआई को आभार जिसने मुझ जैसे क्रिकेटर को इतने सारे शिविरों, आयु ग्रुप और सीनियर बोर्ड टूर्नामेंट तथा इंडियन प्रीमियर लीग में खुद को अभिव्यक्त करने और अपना कौशल दिखाने का मंच प्रदान किया। ’’
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उन्होंने लिखा, ‘‘भारत में मेरी क्रिकेट यात्रा में कुछ शानदार पल रहे जिसमें देश के लिये अंडर-19 विश्व कप जीतना मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा क्षण था। ’’
चंद ने कहा, ‘‘कप्तान के तौर पर कप उठाना विशेष अहसास था जिससे दुनिया भर में इतने सारे भारतीयों के चेहरों पर मुस्कान आयी। मैं उस अहसास को कभी नहीं भूल सकता। साथ ही कई मौकों पर भारत ए की अगुआई करना, विभिन्न द्विपक्षीय और त्रिकोणीय श्रृंखलायें जीतना मेरी यादों में हमेशा के लिये दर्ज हो गया है। ’’
अंडर-19 में उनके प्रदर्शन के बाद पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान इयान चैपल ने अपने एक कॉलम में लिखा था कि चंद को भारतीय टीम में शामिल कर लेना चाहिए।
इसके बाद चंद को पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और मौजूदा कप्तान विराट कोहली के साथ एक बड़ा टीवी विज्ञापन करने का भी मौका मिला।
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दिल्ली में जन्में शीर्ष क्रम के बल्लेबाज चंद ने अपना विश्व कप संस्मरण लिखा था जो पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ को काफी पसंद आया था। लेकिन उनकी जिंदगी में कुछ चीजें ऐसी भी हुई जो पूर्व क्रिकेटरों को अच्छी नहीं लगी।
एक बार वह भारत ए के शिविर से ब्रेक लेकर एक निजी चैनल पर ‘टॉक शो’ सेमीनार में हिस्सा लेने पहुंच गये। इस पर पूर्व विश्व कप विजेता भारतीय कप्तान कपिल देव ने मंच पर उनकी आलोचना की थी। कपिल देव के साथी और पूर्व मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल उन्हें 2015 में जिम्बाब्वे भेजना चाहते थे लेकिन वह नहीं जा सके। चंद दिल्ली के लिये खेले और फिर उत्तराखंड की भी कप्तानी की। उन्हें भारत ए और दिल्ली में भी मौका दिया गया था तब वह बाराखंबा स्थित मार्डन स्कूल के छात्र थे लेकिन वह रेलवे के खिलाफ 151 रन की यादगार पारी खेलने के बावजूद लंबी अवधि की क्रिकेट में जगह नहीं बना सके। चंद ने 67 प्रथम श्रेणी मैच खेलकर 3379 रन बनाये जिसमें आठ शतक और 16 अर्धशतक शामिल हैं।
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