अहमदाबाद : भारत के लिए तीसरी बार क्रिकेट विश्वकप जीतने का सपना टूट चुका है। फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी की और मैच अपने नाम कर लिया। इस पूरे मैच के हीरो रहे कंगारू टीम के सलामी बल्लेबाज ट्रेविस हेड। हेड ने 120 गेंदों का सामना करते हुए 137 रन बनाये। वही लाबुशेन और हेड के शतकीय साझेदारी की वजह से यह मैच भारत के हाथों से छूट गई।
बात करे मुकाबले के टर्निंग प्वाइंट की तो सबसे पहले टॉस हारना भारत के लिए एक बुरी खबर रही। नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में रात के वक़्त ओस गिरने की वजह से दूसरी पारी में बल्लेबाजी आसान होती होती है। यही वजह रही कि दोनों ही टीमों की योजना में पहले गेंदबाजी चुनना ही था लेकिन टॉस ने भारत के इस योजना पर पानी फेर दिया।
ट्रेविस हेड की बल्लेबाजी इस पूरे मुकाबले में भारतीय गेंदबाजों पर पूरी तरह हावी रही। उन्होंने कई शानदार शॉट भी खेले और पूरे मैच में दबाव से खुद को दूर रखा। शॉट चयन और धैर्य बनाये रखने के साथ वह इस मैच को आगाज से अंजाम तक ले गए। यही भारत के हार की दूसरी बड़ी वजह रही।
भारत ने अपनी बल्लेबाजी के दौरान कोई जोखिम नहीं लिया। शुरुआती झटकों के बाद कोहली और राहुल की साझेदारी बेहद जरूरी थी और ऐसा हुआ भी। लेकिन दोनों बल्लेबाजों की धीमी पारी की वजह से भारत बड़ा स्कोर नहीं बना पाया और पूरी टीम 240 रनों पर आकर थम गई। पिछले मुकाबलों में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने वाले कोहली ने जहां इस मैच में 85.71 के स्ट्राइक रेट से 63 बॉल पर 54 रन बनायें तो वही केएल राहुल ने और भी धीमा खेलते हुए महज 61.68 के स्ट्राइक रेट से 107 गेंदों पर 66 रनों की पारी खेली।
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