तकनीक पर काम कर खेल में सुधार करें: ब्रेट ली की रोहित और कोहली को सलाह

तकनीक पर काम कर खेल में सुधार करें: ब्रेट ली की रोहित और कोहली को सलाह

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  • Publish Date - November 13, 2024 / 03:26 PM IST,
    Updated On - November 13, 2024 / 03:26 PM IST

सिडनी, 13 नवंबर (भाषा) ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू होने वाली पांच मैचों की श्रृंखला से पहले भारत के कप्तान रोहित शर्मा और दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली को सलाह दी है कि वे अपनी तकनीक पर काम करने के साथ “रीसेट बटन (पहले की तरह लय हासिल करें)” दबाएं ।

बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट श्रृंखला का आगाज पर्थ में 22 नवंबर से होगा।

न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की हालिया टेस्ट श्रृंखला में लचर प्रदर्शन के बाद इन दोनों बल्लेबाजों के ऑस्ट्रेलिया में पांच मैचों की श्रृंखला में प्रदर्शन पर नजर रहेगी। न्यूजीलैंड ने भारत को 3-0 से शिकस्त दी थी।

ली ने एक ‘यूट्यूब चैनल’ पर कहा, ‘‘ जब आप एक के बाद एक खराब प्रदर्शन करते हैं, तो दबाव बढ़ जाता है। इसलिए, मुझे लगता है कि अब बात यह है कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी को फिर से कड़ा अभ्यास करना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ वे चैम्पियन खिलाड़ी है क्योंकि वे मूल चीजों को दूसरे से बेहतर तरीके से करते है। उन्हें बस फिर से लय हासिल करने की जरूरत है।’’

ली ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज नयी गेंद से रोहित और कोहली के खिलाफ आक्रामक रूख अपनायेंगे ऐसे में इन दोनों को इससे निपटने का तरीका ढूंढना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ (उन्हें) अपनी तकनीक पर काम करना चाहिए, तरोताजा होना चाहिए, जितना हो सके क्रिकेट से दूर रहना चाहिए और फिर ऑस्ट्रेलिया पहुंच कर पूरा अभ्यास करना चाहिये। मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज नई गेंद से रोहित के खिलाफ बेहद आक्रामक रवैया अपनायेंगे।’’

रोहित ने इस साल 11 टेस्ट में 29.40 की औसत से 588 रन बनाये है जबकि कोहली ने छह टेस्ट में 22.72 की औसत से सिर्फ 250 रन बनाये हैं।

ली ने हालांकि माना कि रोहित की बल्लेबाजों के प्रदर्शन में गिरावट का एक कारण तेजी से रन बनाने की कोशिश करना भी है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं यह नहीं कह सकता कि उनकी बल्लेबाजी में तकनीकी खराबी है या नहीं । मैं उन्हें पिछले एक दशक से देख रहा हूं। मेरा मानना है कि वह मौजूदा समय में सबसे अच्छा पुल शॉट खेलते है, शायद वह थोड़ा आक्रामक रूख अपना रहे हैं।’’

भाषा आनन्द पंत

पंत