भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला जीतना बेहद महत्वपूर्ण: कमिंस

भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला जीतना बेहद महत्वपूर्ण: कमिंस

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  • Publish Date - October 30, 2024 / 01:17 PM IST,
    Updated On - October 30, 2024 / 01:17 PM IST

सिडनी, 30 अक्टूबर (भाषा) पैट कमिंस अभी तक भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला जीतने वाली टीम का हिस्सा नहीं रहे हैं और ऑस्ट्रेलिया के कप्तान 22 नवंबर से पर्थ में शुरू होने वाली बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान यह महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम पर दर्ज करने के लिए बेताब हैं।

कमिंस की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और वनडे विश्व कप के फाइनल में भारत को हराकर खिताब जीते थे। उनकी अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया ने एशेज भी अपने नाम की लेकिन वह कभी भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में अपनी टीम को जीत नहीं दिला पाए हैं।

कमिंस ने मंगलवार को अपनी किताब के विमोचन के अवसर पर कहा,‘‘यह (भारत के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में जीत) वह महत्वपूर्ण चीज है जिसे मैं अपने नाम पर जोड़ना चाहता हूं। विशेष कर घरेलू धरती पर ऐसा करना महत्वपूर्ण होता है। जब भी हम घरेलू धरती पर खेलते हैं तो मेरी तरह ऑस्ट्रेलिया के अधिकतर क्रिकेट प्रेमी हमसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं।’’

भारत एकमात्र ऐसी टीम है जिसे ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पिछली 16 टेस्ट शृंखलाओं में नहीं हराया है। उसकी टीम 2014-15 से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी नहीं जीत पाई है। इस बीच भारत में चार बार यह ट्रॉफी जीती। इनमें से दो बार उसने आस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर हराया।

कमिंस ने कहा,‘‘हम उनसे ऑस्ट्रेलिया में खेली गई पिछली दो श्रृंखलाओं में हार गए थे, इसके आगामी श्रृंखला हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हमारी टीम इस समय बहुत अच्छी स्थिति में है और ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता जो वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए।’’

उन्होंने कहा,‘‘हम जिस टीम के खिलाफ भी खेलें, हम अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं लेकिन भारत की बात कुछ और है और इसलिए यह सत्र बेहद महत्वपूर्ण होगा।’’

भारत को इस महत्वपूर्ण श्रृंखला से पहले घरेलू धरती पर न्यूजीलैंड से पहले दो टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा। यही नहीं उसके स्टार बल्लेबाज कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

कमिंस ने कहा,‘‘जब भी कोई टीम दबाव में होती है तो उसके खिलाफ खेलना कोई बुरी बात नहीं होती है। लेकिन वह पहले भी यहां अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं। हमारा काम उन्हें दबाव में बनाए रखने की कोशिश करना है।’’

भाषा पंत

पंत