डब्ल्यूएफआई ने रेलवे के पहलवानों को अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करने की छूट दी

डब्ल्यूएफआई ने रेलवे के पहलवानों को अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करने की छूट दी

  •  
  • Publish Date - December 2, 2024 / 04:54 PM IST,
    Updated On - December 2, 2024 / 04:54 PM IST

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) रेलवे के पहलवानों को आगामी राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अपने-अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देगा, क्योंकि इस विभागीय टीम ने वार्षिक प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां नहीं भेजी हैं।

डब्ल्यूएफआई रेलवे के इस फैसले पर अपनी एजीएम (वार्षिक आम बैठक) में चर्चा करेगा।

डब्ल्यूएफआई के महत्वपूर्ण संबद्ध निकायों में से एक रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड (आरएसपीबी) का प्रतिनिधित्व अतीत में कई प्रतिष्ठित पहलवानों ने किया है लेकिन छह दिसंबर से बेंगलुरु में शुरू होने वाली राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए कोई टीम नहीं चुनी गई, क्योंकि राष्ट्रीय महासंघ निलंबित है।

 फ्रीस्टाइल और ग्रीको रोमन सहित 81 पुरुष पहलवान रेलवे से जुड़े हुए हैं। इन पहलवानों के लिए एक कोचिंग शिविर वर्तमान में कपूरथला में चल रहा है लेकिन राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए टीमों का चयन करने के लिए ट्रायल आयोजित नहीं किए गए जिससे एथलीट हैरान हैं।

डब्ल्यूएफआई के अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ इसमें पहलवानों की कोई गलती नहीं है, ऐसे में उन्हें इसका खामियाजा भुगत कर एक अहम साल को बर्बाद नहीं करना चाहिये। करियर में उनका आगे बढ़ना काफी हद तक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। इसमें अच्छा प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को भविष्य में देश का प्रतिनिधित्व का मौका मिलेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जब चिंतित पहलवानों ने हमसे संपर्क किया, तो हमने इस मामले पर बातचीत करने के बाद उन्हें उनके संबंधित राज्यों का प्रतिनिधित्व करने की छूट दे दी। उन्हें अगर अपने राज्य से चुना जाता है तो उन्हें प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा। ऐसे पहलवानों के पास रेलवे से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं होने के बाद भी हम उन्हें राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने का विकल्प होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सभी संबद्ध राज्य इकाइयां टीमें भेज रही हैं, यहां तक कि सेना खेल संवर्धन बोर्ड (एसएससीबी) ने भी प्रविष्टियां भेजी हैं। हमने रेलवे की प्रविष्टियां प्राप्त करने के लिए 30 नवंबर तक इंतजार किया, लेकिन उन्होंने नहीं भेजीं।’’

रेलवे के कुछ खिलाड़ियों ने डब्ल्यूएफआई को हलफनामा भेज कर कहा था कि वे अपने-अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं क्योंकि रेलवे इस वार्षिक टूर्नामेंट के लिए प्रविष्टियां नहीं भेज रहा है।

रेलवे के एक कोच ने कहा था कि टीमें भेजने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएफआई निलंबित है ऐसे में इन राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी का कोई खास महत्व नहीं है।

 रेलवे ने साल की शुरुआत में अपने खिलाड़ियों से केवल मान्यता प्राप्त खेल निकायों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए कहा था। उसने अपने पहलवानों को निलंबित डब्ल्यूएफआई के तहत किसी भी टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा नहीं करने की सलाह दी थी।

भाषा आनन्द सुधीर

सुधीर