हमारे पास ऐसे क्रिकेटर हैं जो दस साल तक भारत का दबदबा बनाये रखने में मदद करेंगे : लक्ष्मण

हमारे पास ऐसे क्रिकेटर हैं जो दस साल तक भारत का दबदबा बनाये रखने में मदद करेंगे : लक्ष्मण

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  • Publish Date - September 30, 2024 / 12:03 PM IST,
    Updated On - September 30, 2024 / 12:03 PM IST

बेंगलुरू, 30 सितंबर ( भाषा ) बीसीसीआई के सेंटर आफ एक्सीलैंस के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण का मानना है कि भारतीय क्रिकेट में ऐसी ‘बेंच स्ट्रेंथ’ है कि अगले एक दशक तक हर प्रारूप में विश्व क्रिकेट में भारत का दबदबा बनाने में मदद कर सकते हैं ।

लक्ष्मण 2021 में राहुल द्रविड़ के बाद राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख बने थे । अब एनसीए को ही उत्कृष्टता केंद्र ( सेंटर आफ एक्सीलैंस) में बदल दिया गया है जिसका उद्घाटन रविवार को हुआ । लक्ष्मण का कार्यकाल इस साल की शुरूआत में खत्म हो गया था लेकिन इसमें एक साल का विस्तार दिया गया ।

लक्ष्मण ने यहां चुनिंदा पत्रकारों से कहा ,‘‘ मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि हमारे पास इतने खिलाड़ी हैं कि अगले दस साल तक भारत को गौरवान्वित कर सकते है । यह मैं सिर्फ पुरूष क्रिकेट नहीं बल्कि महिला क्रिकेट के बारे में भी बोल रहा हूं । हम खुशकिस्मत हैं कि हमारे पास इतने प्रतिभावान खिलाड़ी हैं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ हमने वेस्टइंडीज में टी20 विश्व कप 2024 जीता जो बड़ी बात है । लेकिन अगर तीनों प्रारूपों में देखें तो हमारा दबदबा रहा है । रैंकिंग ही नहीं बल्कि दूसरे पहलुओं में भी ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ क्रिकेट में एक ‘सप्लाय चेन’ बन गई है क्योंकि हमारे पास कई खिलाड़ी हैं ।यह बहुत अच्छी बात है ।’’

लक्ष्मण ने कहा कि खिलाड़ियों के स्वाभाविक खेल से छेड़छाड़ किये बिना उन्हें तैयार करना जरूरी था ।

उन्होंने कहा,‘‘ फोकस इसी पर था कि उन्हें कैसे तैयार किया जाये कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें । हमने उन्हें निर्देश नहीं दिये कि ये करना है और ये नहीं करना है और ना ही उनकी तकनीक में बदलाव किया ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ खिलाड़ी को सहज महसूस करना चाहिये । हम नहीं चाहते कि वह सलाह देने वाले की बात का बोझ लेने लगे । जब राहुल भारतीय टीम का मुख्य कोच था तो उसके जिम्मे अनुबंधित खिलाड़ी थे और हम एनसीए में बाकी खिलाड़ियों, उदीयमान और अंडर 19 खिलाड़ियों को तैयार करते थे ।’’

लक्ष्मण ने कहा कि इसके लिये प्रदेश क्रिकेट संघों में भी सहयोगी स्टाफ का ऐसा नेटवर्क तैयार किया गया कि कोचिंग में एकरूपता और निरंतरता बनी रहे ।

भाषा मोना

मोना