(मोना पार्थसारथी)
नयी दिल्ली, पांच जून ( भाषा ) आस्ट्रेलिया के खिलाफ सुल्तान जोहोर कप फाइनल में सडन डैथ में गोल करने से लेकर चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर जूनियर एशिया कप जीतने तक , भारतीय जूनियर हॉकी कप्तान उत्तम सिंह दबाव से डरे नहीं और यह हुनर उन्होंने अपने पसंदीदा खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी को देखकर सीखा है ।
उत्तम की कप्तानी में भारत ने ओमान के सालालाह में एक जून को जूनियर एशिया कप में पाकिस्तान को 2 . 1 से हराकर रिकॉर्ड चौथी बार खिताब जीता । इससे पहले पिछले साल नवंबर में जोहोर कप फाइनल में उत्तम ने सडन डैथ समेत पेनल्टी शूटआउट में दो गोल करके भारत को आस्ट्रेलिया पर जीत दिलाई थी ।
उन्होंने स्वदेश लौटने के बाद भाषा से बातचीत में कहा ,‘‘ हॉकी से इतर मैं महेंद्र सिंह धोनी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं । 400 रन का लक्ष्य हो या सौ रन बनाकर जीत दर्ज करनी हो, उनके चेहरे पर कभी शिकन नहीं आती ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘कांटे के मुकाबले में दर्शक तनाव में आ जाते हैं लेकिन वह बिल्कुल दबाव महसूस नहीं होने देते । उनको देखकर हर खिलाड़ी को सीखने को मिलता है कि भीतर जो कुछ भी चल रहा हो, विरोधी टीम को पता नहीं चलना चाहिये कि उन पर कोई दबाव है ।’’
उन्होंने कहा कि मैच होने की वजह से वह चेन्नई सुपर किंग्स और गुजरात टाइटंस के बीच आईपीएल फाइनल लाइव नहीं देख सके थे लेकिन उन्हें चेन्नई की जीत की खुशी है और इससे भी ज्यादा खुशी इस बात की है कि धोनी अगले साल भी खेलेंगे ।
नौ साल बाद हुए एशिया कप में भारत के प्रदर्शन पर उन्होंने कहा ,‘‘एशिया कप 2015 में पिछली बार हुआ था जो हमने जीता था । हमने और पाकिस्तान ने तीन तीन बार खिताब जीते थे और इस बार जाने से पहले हम यह सोचकर गए थे कि पाकिस्तान से आगे निकलना है ।’’
उन्होंने कहा,‘‘भारत और पाकिस्तान का मुकाबला किसी भी खेल में या किसी भी स्तर पर हो, एक अतिरिक्त दबाव रहता है ।हमें पता था कि जीतने पर प्यार सम्मान सभी कुछ मिलेगा और यह भी दिमाग में था कि हम एशिया में नंबर वन तथा विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर हैं, इसे बरकरार रखना है ।’’
भारत ने पूल चरण में पाकिस्तान से 1 . 1 से ड्रॉ खेला था और कप्तान का मानना है कि इस मैच से फाइनल में उनकी टीम को फायदा मिला ।
भारतीय सीनियर टीम में पिछले साल पदार्पण करने वाले उत्तम ने कहा ,‘‘ पूल चरण में पाकिस्तान के खिलाफ कोई दबाव नहीं था क्योंकि हमारा सेमीफाइनल में पहुंचना तय था लेकिन फाइनल का दबाव अलग तरह का होता है । पूल चरण में पाकिस्तान से खेलने का फायदा मिला क्योंकि उसके पास पांच छह ऐसे खिलाड़ी थे जो सीनियर टीम में बड़े टूर्नामेंट खेल चुके थे ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ हमने सेमीफाइनल से पहले ही पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल खेलने की तैयारी शुरू कर दी थी ।पाकिस्तान के खिलाफ लीग चरण में हुई गलतियों को हमने दोहराया नहीं । मैन टू मैन मार्किंग बहुत अच्छी रही और पेनल्टी कॉर्नर डिफेंस पर काफी मेहनत की ।’’
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के कर्मपुर गांव से निकले उत्तम सीनियर टीम के लिये भी अब तक सात मैच खेल चुके हैं । पिता हॉकी खेलने के शौकीन थे लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण अपने शौक को परवान नहीं चढा सके थे और उत्तम की ख्वाहिश है कि वह उनके अधूरे सपने को पूरा करे ।
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मोना पंत
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