ओलंपिक पदक विजेताओं का सम्मान नहीं करने के लिए उषा ने कार्यकारी समिति के सदस्यों को लताड़ा

ओलंपिक पदक विजेताओं का सम्मान नहीं करने के लिए उषा ने कार्यकारी समिति के सदस्यों को लताड़ा

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  • Publish Date - September 30, 2024 / 03:28 PM IST,
    Updated On - September 30, 2024 / 03:28 PM IST

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने सोमवार को कहा कि यह ‘बेहद चिंताजनक’ है कि कार्यकारी समिति के सदस्य ओलंपिक पदक विजेताओं को सम्मानित करने में विफल रहे ।

उन्होंने वित्त समिति पर पेरिस खेलों की भारतीय खिलाड़ियों की तैयारी के लिए निर्धारित कोष को जारी करने से रोकने का आरोप लगाया।

युवा निशानेबाज मनु भाकर के दो ऐतिहासिक कांस्य पदक सहित भारत ने पेरिस खेलों में छह पदक जीते लेकिन उषा ने कहा कि ‘कार्यकारी समिति उनकी सफलता का जश्न नहीं मनाना चाहती’ और इससे वह ‘बेहद दुखी’ हैं।

उषा ने बयान में कहा, ‘‘इन खिलाड़ियों ने देश को गौरवांवित किया है और यह आईओए की जिम्मेदारी है कि वे उस सम्मान के साथ उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाएं जिसके वे हकदार हैं। यह बेहद चिंताजनक है कि अगस्त के मध्य में (खिलाड़ियों के) स्वदेश लौटने के बावजूद कार्यकारी समिति इस बारे में चर्चा करने या औपचारिक सम्मान समारोह आयोजित करने की दिशा में कदम उठाने में नाकाम रही है।’’

उन्होंने खुलासा किया कि ओलंपिक के लिए जाने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को दो लाख रुपये और प्रत्येक कोच को एक लाख रुपये का तैयारी अनुदान देने के प्रस्ताव को वित्त समिति, विशेषकर आईओए कोषाध्यक्ष सहदेव यादव ने रोक दिया।

उषा ने कहा, ‘‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि इस अनुदान से हमारे खिलाड़ियों और उनके कोचों को ओलंपिक खेलों से पहले के महत्वपूर्ण दौर में वह सहायता मिल जाती जिसकी उन्हें आवश्यकता थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस कोष को वितरित करने से इनकार करना खिलाड़ियों की आवश्यकताओं की समझ की कमी को दर्शाता है और उनकी तैयारी और देखभाल के प्रति पूर्ण उपेक्षा को दर्शाता है।’’

पिछले नेतृत्व के कार्यों की ओर इशारा करते हुए उषा ने कहा कि तोक्यो ओलंपिक के सात पदक विजेताओं के लिए कोविड-19 महामारी के बावजूद सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था।

उषा ने कार्यकारी समिति के कुछ पूर्व सदस्यों, विशेषकर पूर्व खिलाड़ियों की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘अगर मेरे पूर्ववर्ती वैश्विक महामारी के दौरान हमारे खिलाड़ियों की उपलब्धि का जश्न मना सकते हैं तो फिर कार्यकारी समिति के मौजूदा सदस्यों को ऐसा करने से कौन रोक रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विश्व मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति के रूप में मैं हमारे खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत, बलिदान और जीत को मान्यता देने के महत्व को समझती हूं। यह देखना निराशाजनक है कि पद पर बैठे अन्य लोग इस कर्तव्य को निभाने में विफल रहे हैं, खासकर वे जिन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया है।‘‘

आधिकारिक सम्मान समारोह में आईओए ने प्रत्येक व्यक्तिगत पदक विजेता को 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये के बीच पुरस्कार देने की योजना बनाई थी जबकि कोच को 15 से 25 लाख रुपये देने की योजना थी।

उषा ने कहा, ‘‘इन योजनाओं को लागू नहीं करके आईओए उन खिलाड़ियों को निराश कर रहा है जिन्होंने हमारे देश को गौरवांवित किया है। मैं कार्यकारी समिति से अपनी करती हूं कि वे तुरंत कार्रवाई करे और सुनिश्चित करें के हमारे खिलाड़ियों को वे सम्मान और मान्यता मिले जिसमें वे हकदार हैं।’’

शनिवार को कार्यकारी परिषद के 12 सदस्यों ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के वरिष्ठ अधिकारी जिरोम पोइवी को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उषा ‘मनमाने’ तरीके से संगठन को चला रही हैं। सदस्यों ने यह कदम इसलिए उठाया था क्योंकि उषा ने विवादास्पद बैठक के दौरान आईओए सीईओ के रूप में रघुराम अय्यर को हटाने की उनकी मांग को खारिज कर दिया था।

उषा ने आरोपों को ‘दुर्भावनापूर्ण और झूठा’ करार देते हुए कहा कि इनका उद्देश्य उनके नेतृत्व और भारतीय खेलों को बेहतर बनाने के प्रयासों को कमजोर करना है। रविवार को उन्होंने खेल के कल्याण पर व्यक्तिगत अधिकारों और वित्तीय लाभ को प्राथमिकता देने के लिए परिषद के असंतुष्ट सदस्यों की आलोचना की।

रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में उषा ने आरोप लगाया कि परिषद के कई सदस्यों का रिकॉर्ड संदिग्ध है जिसमें उनके खिलाफ लैंगिक पक्षपात और यौन उत्पीड़न के आरोप भी शामिल हैं।

भाषा सुधीर मोना

मोना