हुलुनबुइर ( चीन ), 17 सितंबर ( भाषा ) टूर्नामेंट में अजेय रही भारतीय हॉकी टीम ने मंगलवार को मेजबान चीन को कड़े मुकाबले में 1 . 0 से हराकर पांचवीं बार एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी खिताब जीता ।
पहले तीन क्वार्टर तक कोई टीम गोल नहीं कर सकी । आखिर में डिफेंडर जुगराज सिंह ने फील्ड गोल करके टीम को जीत दिलाई ।
हरमनप्रीत सिंह की टीम के लिये यह मुकाबला कतई आसान नहीं था । पहले तीन क्वार्टर में चीनी डिफेंडरों ने भारत को गोल करने का कोई मौका नहीं दिया । पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम के लिये 51वें मिनट में जुगराज ने गोल किया । चीन दूसरी बार ही किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का फाइनल खेल रहा था ।
इससे पहले उसने एशियाई खेल 2006 फाइनल खेला था जिसमें उसने कोरिया ने 3 . 1 से हराया था ।
इससे पहले पाकिस्तान ने कोरिया को 5 . 2 से हराकर छह टीमों के टूर्नामेंट में तीसरा स्थान हासिल किया ।
खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में उतरी भारतीय टीम ने पहले लीग मैच में चीन को 3 . 0 से हराया था लेकिन फाइनल मुकाबला काफी कठिन रहा ।
पहले दो क्वार्टर में भारत ने गोल करने के कई मौके बनाये लेकिन चीन भी जवाबी हमले में पीछे नहीं था । राजकुमार पाल ने पहला हमला बोला जिसे चीन के गोलकीपर वांग वेइहाओ ने बचा लिया ।
राजकुमार ने दसवें मिनट में भारत को पहला पेनल्टी कॉर्नर दिलाया लेकिन हरमनप्रीत सिंह गोल नहीं कर सके । दो मिनट बाद नीलाकांता शर्मा का शॉट वांग ने बचाया और अगले मिनट सुखजीत सिंह को गोल नहीं करने दिया ।
पहले क्वार्टर से कुछ सेकंड पहले भारत ने पेनल्टी कॉर्नर गंवाया लेकिन कृशन बहादुर पाठक गोल के सामने मुस्तैद थे । दूसरे क्वार्टर में भी कहानी यही रही जब गेंद पर नियंत्रण में भारत ने बाजी मारी लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी ।
भारत को 27वें मिनट में सुखजीत ने पेनल्टी कॉर्नर दिलाया लेकिन हरमनप्रीत का शॉट गोलपोस्ट से टकरा गया ।
दूसरे हाफ में चीनी फारवर्ड पंक्ति ने लगातार हमले बोले और 38वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन भारतीय डिफेंस चौकस था ।
चीन को 40वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले जिन पर भारतीय गोलकीपर पाठक ने गोल नहीं होने दिया ।
भारत के गोल के सूत्रधार हरमनप्रीत रहे जो जबर्दस्त स्टिक वर्क दिखाते हुए चीनी सर्कल में घुसे और जुगराज को गेंद सौंपी जिसने गोल करने में कोई चूक नहीं की ।
हूटर से चार मिनट पहले चीन ने अपने गोलकीपर को हटाकर अतिरिक्त खिलाड़ी को उतारा लेकिन बराबरी का गोल नहीं कर सका ।
भाषा
मोना सुधीर
सुधीर