सिराज और हेड के बीच कहासुनी से बनी तनाव की स्थिति

सिराज और हेड के बीच कहासुनी से बनी तनाव की स्थिति

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  • Publish Date - December 7, 2024 / 07:20 PM IST,
    Updated On - December 7, 2024 / 07:20 PM IST

एडिलेड, सात दिसंबर (भाषा) मोहम्मद सिराज के शनिवार को यहां गुलाबी गेंद के टेस्ट के दूसरे दिन में शतकवीर ट्रेविस हेड को आउट करने के बाद दोनों के बीच हुई बहस पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने भारतीय तेज गेंदबाज के व्यवहार पर निराशा व्यक्त की और महान सुनील गावस्कर ने इसे पूरी तरह से अनावश्यक बताया।

हेड ने 141 गेंदों में 140 रन की शानदार पारी खेली। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 157 रन की शानदार बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई। 82वें ओवर में उनके आउट होने के बाद सिराज और हेड में तीखी नोकझोंक हुई।

हेड ने ‘फॉक्स क्रिकेट’ से कहा, ‘‘मैंने कहा ‘अच्छी गेंदबाजी की’। लेकिन उसने कुछ और ही सोचा और मुझे बाहर जाने की ओर इशारा किया। पिछली कुछ पारियों में जिस तरह से चीजें हुईं, मैं उससे थोड़ा निराश हूं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर वे इस तरह से प्रतिक्रिया करना चाहते हैं तो यही होगा। और वे खुद को इस तरह से पेश करना चाहते हैं तो ऐसा ही रहे। ’’

यह घटना तब हुई जब सिराज ने हेड का कैच छोड़ दिया था, तब वह 76 रन पर थे और फिर उनकी गेंद पर इस बल्लेबाज ने छक्का भी जड़ा था।

हैदराबाद के इस खिलाड़ी ने तुरंत हेड को नीची ‘फुल टॉस’ गेंद डाली और जोश से जश्न मनाते हुए उन्हें वापस जाने का इशारा किया। ड्रेसिंग रूम में जाने से पहले हेड ने कुछ शब्द बोलकर प्रतिक्रिया व्यक्त की।

एडिलेड पर मौजूद रिकॉर्ड 50,000 से अधिक दर्शकों ने सिराज की हूटिंग की। बाद में तेज गेंदबाज को अंपायरों के साथ दर्शकों की प्रतिक्रिया पर चर्चा करते हुए देखा गया।

महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर भी सिराज की इस प्रतिक्रिया से खुश नहीं थे। उन्होंने इसे पूरी तरह से अनुचित करार दिया।

उन्होंने ‘स्टार स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘‘अगर आप मुझसे पूछें तो यह अनावश्यक है। उस खिलाड़ी ने 140 रन बनाए। उसने चार या पांच रन नहीं बनाए। उसने 140 रन बनाए। आप उसे विदाई दे रहे हैं, यह पूरी तरह से गैर जरूरी है। ’’

गावस्कर ने कहा, ‘‘हैरानी की बात नहीं है कि उसे भीड़ से आलोचना मिल रही है। ट्रेविस हेड एक स्थानीय नायक है और 100 रन बनाने के बाद अगर उसके लिए सिर्फ तालियां भी बजाई होतीं तो सिराज पूरी भीड़ के लिए नायक बन जाता। उसे विदाई देकर वह ‘विलेन’ बन गया है। ’’

भाषा नमिता पंत

पंत