चेन्नई, 18 सितंबर (भाषा) मुख्य कोच गौतम गंभीर चाहते हैं कि भारतीय टीम एकतरफा रुख अपनाने या पिच की प्रकृति जैसे बाहरी कारकों में फंसने के बजाय अपनी रणनीतियों में लचीलापन बनाए रखे क्योंकि ऐसा नहीं करने से एक इकाई के रूप में उसके विकास में बाधा आ सकती है।
गंभीर ने बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट की पूर्व संध्या पर बुधवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मेरा हमेशा से मानना रहा है कि सर्वश्रेष्ठ शैली वह है जो शैली आपको जीत दिलाए। हम ऐसी टीम बनना चाहते हैं जो एक शैली अपनाने की जगह सामंजस्य बैठाए और तेजी से सीखे। अगर आप एक शैली को अपनाना शुरू करोगे तो प्रगति नहीं कर पाओगे।’’
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गंभीर चाहते हैं कि खिलाड़ी किसी भी परिस्थिति में प्रतिक्रिया देने के बजाय सक्रिय रहकर उसका सामना करने को तैयार रहें।
उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि खिलाड़ी स्थिति और परिस्थितियों के अनुसार खेलें और फिर प्रगति करते रहें। आप जानते हैं कि किसी खास शैली को नाम देना सिर्फ एक ही तरह से खेलने जैसा है।‘‘
गंभीर ने कहा, ‘‘इसलिए प्रयास करना परिणामों के बारे में है और जैसा कि मैंने अभी उल्लेख किया है, सर्वश्रेष्ठ शैली वह है जो काम करती है।’’
गंभीर हमेशा से घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठाने के पक्षधर रहे हैं और एक बार फिर उन्होंने अपने विचार दोहराते हुए कहा कि भारत को अपने घरेलू हालात का फायदा उठाने पर क्रिकेट खेलने वाले अन्य देशों से अलग नहीं माना जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका जैसी जगहों पर जाते हैं तो टेस्ट मैच ढाई दिन में खत्म हो जाता है तब इतनी चर्चा नहीं होती।’’
भारतीय कोच ने तर्क दिया, ‘‘लेकिन जब विपक्षी टीम भारत आती है और अगर टेस्ट मैच ढाई दिन में खत्म हो जाता है तो हम कहते रहते हैं कि स्पिनरों के लिए बहुत ज्यादा मदद है।’’
गंभीर ने कहा कि टेस्ट मैच कितने दिन चलेगा इसकी गारंटी के साथ पिच तैयार करना असंभव है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर तेज गेंदबाजों के लिए बहुत ज्यादा मदद है तो कोई भी इसके बारे में बात नहीं करता। इसलिए मुझे लगता है कि हमें इस मोर्चे पर निष्पक्ष और स्पष्ट होना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि दुनिया में कहीं भी आप ऐसा विकेट तैयार कर सकते हैं जहां आप कह सकें कि यह टेस्ट मैच पांच दिन तक चलेगा।’’
गंभीर ने कहा कि सभी परिस्थितियों में खेलने का खिलाड़ियों का कौशल, 22 गज की पिच की प्रकृति से अधिक मायने रखता है।
भाषा सुधीर पंत
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