आर्चर को निशाने पर रखना रणनीति का हिस्सा था: तिलक वर्मा

आर्चर को निशाने पर रखना रणनीति का हिस्सा था: तिलक वर्मा

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  • Publish Date - January 26, 2025 / 10:44 AM IST,
    Updated On - January 26, 2025 / 10:44 AM IST

चेन्नई, 26 जनवरी (भाषा) भारत के मध्यक्रम के बल्लेबाज तिलक वर्मा ने कहा कि यहां दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर को निशाने पर रखना उनकी रणनीति का हिस्सा था और इसका उद्देश्य इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज को बेअसर करना था, जिससे बाकी टीम हतोत्साहित हो गई।

तिलक ने 55 गेंदों में नाबाद 72 रन बनाकर भारत को दो विकेट से रोमांचक जीत दिलाई। भारत इस तरह से पांच मैच की श्रृंखला में 2–0 से आगे हो गया है।

तिलक ने अपनी पारी के दौरान आर्चर पर चार छक्के लगाए, जिसमें डीप फाइन लेग पर बेहद विश्वसनीय पिक-अप फ्लिक से लगाया गया छक्का भी शामिल है। कोलकाता में पहले मैच में चार ओवर में 21 रन देकर दो विकेट लेने वाले आर्चर ने दूसरे मैच में चार ओवर में 60 रन लुटाए।

तिलक ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन ने कहा, ‘‘मैं उनके सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज को निशाना बनाना चाहता था। यदि आप सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज को निशाने पर रखेंगे तो अन्य गेंदबाज दबाव में आ जाएंगे। इसलिए, जब विकेट गिर रहे हों (दूसरे छोर पर), तो मैं विरोधी टीम के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाना चाहता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं ऐसा करने में सफल हो जाता हूं तो अन्य बल्लेबाजों के लिए काम आसान हो जाता है। मैंने अपने ऊपर भरोसा रखा और उनके खिलाफ मौके बनाए। मैंने आर्चर के खिलाफ जो भी शॉट खेले उनके लिए मैंने नेट्स पर तैयारी की थी। मैं मानसिक रूप से तैयार था और इसलिए मुझे सफलता मिली।’’

तिलक ने कहा कि वह अंत तक टिके रहने के लिए मानसिक रूप से तैयार थे और टीम की जरूरतों के अनुसार अपने खेल में बदलाव करने के लिए तैयार थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तय किया था कि चाहे कुछ भी हो जाए मुझे आखिर तक टिके रहना है। पिछले मैच के दौरान मेरी गौतम (गंभीर) सर से बात हुई थी। मैं टीम की जरूरत के अनुसार निश्चित स्ट्राइक-रेट के साथ खेल सकता हूं। आपको परिस्थितियों के अनुसार खेलना होता है।’’

तिलक ने कहा, ‘‘गौतम सर ने यहां ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान भी कहा था कि यही वह मौका है जबकि आप लोगों को दिखा सकते हो कि आप हर तरह की पारियां खेलने में सक्षम हो। मुझे खुशी है कि मैं ऐसा करने में सफल रहा।’’

भाषा पंत

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