चेन्नई, 17 दिसंबर (भाषा) दुनिया के सबसे युवा शतरंज विश्व चैंपियन डी गुकेश को मंगलवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और अन्य लोगों ने राज्य सरकार की ओर से आयोजित एक समारोह में सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस 18 वर्षीय खिलाड़ी को राज्य सरकार की ओर से पांच करोड़ रुपये का चेक और एक शॉल भेंट किया और राज्य के खेल विभाग के माध्यम से राज्य में प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और उपलब्धि हासिल करने वालों को तैयार करने के लिए शतरंज अकादमी स्थापित करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भारत के 85 में से 31 शतरंज ग्रैंडमास्टर तमिलनाडु के हैं। यह सम्मान केवल गुकेश के लिए ही नहीं बल्कि सभी उपलब्धि हासिल करने वालों के लिए है। प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और उपलब्धि हासिल करने वालों को तैयार करने के लिए शतरंज अकादमी की स्थापना की जाएगी।’’
स्टालिन ने कहा, ‘‘मैं 18 साल की छोटी उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने के लिए हमारे गुकेश की सराहना करता हूं। हमारे चेन्नई के लड़के ने एक रिकॉर्ड बनाया है और पूरी दुनिया उसकी सराहना कर रही है।’’
मुख्यमंत्री ने गुकेश के माता-पिता को मंच पर आने के लिए कहा और उनकी मौजूदगी में चेक सौंपा।
कार्यक्रम में स्टालिन ने कहा कि गुकेश 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए थे और 18 साल की उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बन गए।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए उन्हें अपनी प्रेरणा मानें और सफलता हासिल करें। हमें लाखों गुकेश बनाने चाहिए।’’
स्टालिन ने कहा कि शतरंज के खेल की तरह जीवन में भी बड़ी जीत हासिल करने के लिए बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘शतरंज एक दिमागी खेल है। कभी-कभी हमें जीतने के लिए रानी का बलिदान करना पड़ता है। इसलिए जीवन में जीतने के लिए हमें बलिदान करने के लिए तैयार रहना चाहिए। लेकिन अगर आप सावधानी से खेलते हैं तो प्यादे रानी की तरह शक्तिशाली बन सकते हैं। इसलिए जीवन में जीतने के लिए जो आवश्यक है, वह है धैर्य और दृढ़ संकल्प।’’
उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि जिस तरह गुकेश के माता-पिता उसकी उपलब्धि पर खुशी से अभिभूत हैं, उसी तरह मुख्यमंत्री और राज्य सरकार भी बहुत खुश है।
उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु आज उनकी उपलब्धि का जश्न मना रहा है। गुकेश पूरे भारत और तमिलनाडु के लिए गर्व का स्रोत हैं। उनकी उपलब्धि ने पुष्टि की कि शतरंज का मतलब चेन्नई है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।’’
गुकेश ने कहा कि तमिलनाडु सरकार के निरंतर समर्थन के बिना उनकी यात्रा संभव नहीं होती।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीतकर अपना सपना पूरा किया है। इससे मुझे खुशी होती है। मैं मुख्यमंत्री और उदय अन्ना (बड़े भाई) के प्रति आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने वित्तीय और प्रोत्साहन सहित हर तरह का समर्थन दिया।’’
गुकेश ने कहा, ‘‘विशी सर (आनंद) भी इस यात्रा में प्रेरणा और आदर्श थे।’’
गुकेश ट्रॉफी को अपने हाथों में थामे कार जुलूस के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। उनका स्वागत सड़क के दोनों ओर राष्ट्रीय ध्वज थामे खड़े छात्रों ने किया।
उन्होंने अपनी जीती हुई ट्रॉफी मुख्यमंत्री को दिखाई और बाद में उन्हें शतरंज की बिसात भेंट की।
सिंगापुर में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीतने के बाद गुकेश सोमवार को यहां पहुंचे। उन्होंने पिछले सप्ताह चीन के डिंग लिरेन को 7.5-6.5 से हराया और सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बन गए।
भाषा सुधीर आनन्द
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