नई दिल्ली: क्रिकेट जगत में लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने अपने करियर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। सुनील गावस्कर ने कहा है कि उन्हें आज तक समझ नहीं आया कि साल 1978 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सिरीज में 700 रन बनाने के बावजूद उनसे कप्तानी क्यों छीन ली गई थी। जबकि मैंने इस सीरीज में 700 से अधिक रन स्कोर किए थे। बता दें कि वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत ने 6 मेचों की सीरिज को 1-0 से अपने नाम कर लिया था। सीरीज की समाप्ती के बाद वेंकटराघवन को टीम इंडिया की कमान सौंप दी गई थी।
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सुनील गवास्कर ने एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में कहा है कि स्टइंडीज के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद भी मुझे कप्तानी से हटा दिया गया था, जबकि इस सीरीज में मैंने 700 से ज्यादा रन बनाए थे। उन्होंने आगे कहा है कि मुझे आज तक इस बात पता नहीं चल पाया कि ऐसा क्यों किया गया था। लेकिन ऐसा लगता है कि शायद उस दौर में मैं वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट से जुड़ने को तैयार था, इसीलिए प्रबंधन ने ऐसा फैसला लिया था। चयन से पहले मैंने बीसीसीआई के साथ करार किया और बताया कि मैं किसके लिए वफादार हूं।
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गावस्कर ने बताया कि उन्होंने किस तरह बिशन सिंह बेदी को टीम में रखने के लिए चयनकर्ताओं को मानाया। समिति ने फैसला किया था कि तीन मैचों के बाद वह बेदी को हटा देंगे। जब मैंने पाकिस्तान सीरीज के बाद कप्तान के तौर पर उनका स्थान लिया तभी समिति उन्हें हटाना चाहती थी। मैंने कहा कि वह अभी भी देश में बाएं हाथ के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हैं और इसलिए उन्होंने पहले टेस्ट मैच में उन्हें मौका दिया।
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