नयी दिल्ली/कराची, 12 नवंबर (भाषा) खेल मंत्रालय ने मंगलवार को 17 सदस्यीय भारतीय क्रिकेट टीम को दृष्टिबाधित टी20 विश्व कप में भाग लेने के लिए पाकिस्तान का दौरा करने की मंजूरी दे दी लेकिन उसे अभी गृह और विदेश मंत्रालय से हरी झंडी मिलना बाकी है।
चौथा दृष्टिबाधित विश्व कप 22 नवंबर से तीन दिसंबर तक लाहौर और मुल्तान में खेला जाएगा। भारत इस टूर्नामेंट का मौजूदा चैंपियन है।
संबंधित मंत्रालयों से मंजूरी मिलने के बाद भारतीय टीम 21 नवंबर को वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान जाएगी।
दृष्टिबाधित टीम को ऐसे समय में पाकिस्तान का दौरा करने की मंजूरी मिली है जबकि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को सूचित किया है कि उनकी टीम अगले साल होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं कर सकती।
बीसीसीआई ने इस संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को पत्र लिखा है जिससे चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन अधर में लटक गया है।
इस बीच भारतीय दृष्टिबाधित क्रिकेट संघ के महासचिव शैलेंद्र यादव ने कहा,‘‘हमारी टीम गुरुग्राम में अभ्यास कर रही है। खिलाड़ी अब विदेश मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने का इंतजार कर रहे हैं और उन्हें सकारात्मक फैसले की उम्मीद है।’’
भारत और पाकिस्तान के अलावा दृष्टिबाधित विश्व कप में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका, नेपाल और श्रीलंका की टीम भाग लेंगी। भारत इस टूर्नामेंट में पिछले तीन बार का चैंपियन है। उसने फाइनल में पाकिस्तान को दो बार जबकि बांग्लादेश को एक बार हराया।
इस बीच पाकिस्तान दृष्टिबाधित क्रिकेट परिषद ने कहा कि भारतीय टीम हिस्सा ले या नहीं, टूर्नामेंट पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किया जाएगा।
परिषद के अध्यक्ष सैयद सुल्तान शाह ने कहा,‘‘पाकिस्तान पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार टूर्नामेंट का आयोजन करेगा। भारतीय टीम भाग ले या नहीं इससे आयोजन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। टूर्नामेंट में भाग लेने वाले अन्य टीमों ने पुष्टि कर दी है कि उन्हें पाकिस्तान में खेलने में कोई दिक्कत नहीं है।’’
टी20 दृष्टि बाधित विश्व कप के लिए भारतीय टीम इस प्रकार है: अजय कुमार रेड्डी, देबराज बेहरा, नरेशभाई तुमदा, नीलेश यादव, संजय कुमार शाह, प्रवीण कुमार शर्मा, वेंकटेश्वर राव, पंकज भुए, लोकेश, रामबीर सिंह, इरफान दीवान, दुर्गा राव टोमपाकी, सुनील रमेश, सुखराम माझी, रवि अमिति, दिनेशभाई राठवा, धींगर गोपू।
भाषा पंत सुधीर
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