नई दिल्ली: South Africa tour might be Last Tour दक्षिण आफ्रीका दौरे के लिए भारतीय टीम 16 दिसंबर को रवाना होगी। इस दौरे में टीम इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच तीन टेस्ट और तीन वनडे खेला जाएगा। साउथ आफ्रीका दौरा भारतीय खिलाड़ियों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। खासकर उन खिलाड़ियों के लिए जो लंबे समय से आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे के बाद खराब परफॉमेंस वाले खिलाड़ियों की भारतीय टीम से विदाई हो सकती है।
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South Africa tour might be Last Tour वैसे इस बात की पूरी संभावना है कि आगामी साउथ अफ्रीका दौरा ईशांत शर्मा का आखिरी असाइनमेंट साबित हो सकता है। भारत के तेज गेंदबाजी यूनिट में अनुभवी सितारों के साथ ही कुछ युवा तेज गेंदबाजों के दावेदारी पेश करने के चलते राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने 100 से अधिक टेस्ट मैच खेल चुके दिल्ली के इस गेंदबाज से आगे देखने का फैसला कर लिया है। सेंचुरियन में बॉक्सिंग डे मुकाबले से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज के दौरान ईशांत, रहाणे और पुजारा पर सबकी निगाहें होंगी।
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने नामी मीडिया संस्थान से बात करते हुए बताया कि ‘रहाणे को उप-कप्तान के रूप में हटाना उनके लिए एक स्पष्ट चेतावनी है। टीम में एक सीनियर सदस्य के रूप में उन्हें और अधिक योगदान देने की जरूरत है। पुजारा के लिए भी यही सच है। उन्हें भी काफी समय हो गया है और अब टीम को उनसे बड़े मैचों में महत्वपूर्ण पारियों की उम्मीद है। यदि वे स्कोर करते हैं और सीरीज पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं, तो वे अपने टेस्ट करियर का विस्तार करने में सक्षम हो सकते हैं। लेकिन ईशांत के मामले में, यह आखिरी हो सकता है।
जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के प्रमुखता से उभरने के बाद ईशांत पेस अटैक में लीड रोल गंवा चुके हैं। परिस्थितियों एवं टीम संयोजन के आधार पर वह अब तीसरे या चौथे नंबर के तेज गेंदबाज हैं। मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर जैसे खिलाड़ियों के उभरने से टीम प्रबंधन को काफी माथापच्ची करनी पड़ी है। प्रसिद्ध कृष्णा, आवेश खान और नवदीप सैनी जैसे तेज गेंदबाज लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। पिछले आईपीएल सीजन के दौरान अपनी तेज गति से सुर्खियां बटोरने वाले उमरान मलिक एक और तेज गेंदबाज हैं, जिनकी प्रगति पर चयन समिति की ओर से कड़ी नजर रखी जा रही है।
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साउथ अफ्रीका दौरे के बाद भारत का अगला टेस्ट असाइनमेंट फरवरी-मार्च में श्रीलंका के खिलाफ एक घरेलू सीरीज है। आमतौर पर भारतीय टीम घरेलू परिस्थितियों में प्लेइंग इलेवन में दो से अधिक तेज गेंदबाजों को शामिल नहीं करती है। पिछले 12 महीनों में ईशांत ने आठ टेस्ट खेले हैं, जिसमें उन्होंने 32.71 की औसत से 14 विकेट चटकाए। उन्होंने अपने वर्कलोड को मैनेज करने के लिए भी संघर्ष किया है, इस साल इंग्लैंड दौरे के दौरान यह स्पष्ट हुआ था। लॉर्ड्स में दूसरे टेस्ट में उन्होंने दोनों पारियों को मिलाकर कुल पांच विकेट लिए। इसके बाद ईशांत ने हेडिंग्ले में तीसरे टेस्ट में बिना विकेट लिए 22 ओवर में 92 रन खर्च कर डाले।
आगामी टेस्ट सीरीज पुजारा और रहाणे के लिए आखिरी मौका है। बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा, ‘उन्हें ड्रॉप होने से बचने के लिए बड़े रन बनाने होंगे, 40-50 रन काफी नहीं होंगे।’ श्रेयस अय्यर के न्यूजीलैंड के खिलाफ यादगार टेस्ट डेब्यू ने मध्यक्रम में प्रतिस्पर्धा को और तेज कर दिया है। श्रेयस के साथ सूर्यकुमार यादव, शुभमन गिल (रोहित शर्मा और केएल राहुल के उपलब्ध होने पर मध्य क्रम का विकल्प) और हनुमा विहारी एक स्पॉट के लिए होड़ में हैं। ऐसे में दोनों सीनियर बल्लेबाजों के लिए गलती के लिए मार्जिन काफी कम है। चयन समिति पहले ही उन्हें काफी मौके दे चुकी है।
पुजारा ने पिछले 12 महीनों में 13 टेस्ट मैच खेलकर 686 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका औसत 29.82 रहा है, जो उनके करियर औसत 44.82 से काफी नीचे है। उनका आखिरी टेस्ट शतक भी लगभग तीन साल पहले आया था। रहाणे के आंकड़े तो और भी बुरे हैं। रहाणे ने पिछले 12 महीनों में 12 टेस्ट में 19.57 की औसत से 411 रन बनाए हैं। रहाणे हैमस्ट्रिंग में खिंचाव के कारण न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में प्लेइंग इलेवन से बाहर हो गए थे। उन्होंने अब टेस्ट में अपनी उप-कप्तानी भी खो दी है।
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