शेनजेन (चीन), 22 नवंबर (भाषा) भारत के सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने शुक्रवार को यहां डेनमार्क के किम एस्ट्रुप और एंडर्स स्कार्प रासमुसेन की दूसरी वरीय जोड़ी को हराकर चाइना मास्टर्स सुपर 750 बैडमिंटन टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
पेरिस ओलंपिक के बाद अपना पहला टूर्नामेंट खेल रहे सात्विक और चिराग ने 47 मिनट में दुनिया की दूसरे नंबर की जोड़ी पर 21-16 21-19 से जीत दर्ज की। भारतीय जोड़ी पिछले चरण में फाइनल में पहुंची थी।
एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता जोड़ी का सामना अंतिम चार में आठवीं वरीयता प्राप्त जापान की ताकुरो होकी और युगो कोबायाशी की जोड़ी तथा कोरिया के जिन योंग और सियो सेउंग जेई की जोड़ी के बीच मुकाबले के विजेता से होगा।
वहीं पुरुष एकल में लक्ष्य सेन क्वार्टरफाइनल में डेनमार्क के तीसरे वरीय एंडर्स एंटोनसेन से 53 मिनट में 18-21 15-21 से हारकर बाहर हो गए।
शुरुआती गेम में भारतीय खिलाड़ी अच्छी लय में दिखे। ब्रेक तक वे 11-8 से आगे थे जिसके बाद उन्होंने रैलियों पर दबदबा बनाते हुए इसे 16-10 तक बढ़ा दिया।
सात्विक और चिराग ने बढ़त बनाए रखी और रैलियों पर मजबूत पकड़ से शुरुआती गेम जीत लिया।
दूसरा गेम काफी प्रतिस्पर्धी रहा। डेनमार्क की जोड़ी ने हावी होकर 7-5 की बढ़त बनाई। पर भारतीय जोड़ी इसमें 11-10 की बढ़त हासिल करने में सफल रही।
सात्विक-चिराग फिर 16-15 से आगे हो गये। पर प्रतिद्वंद्वी जोड़ी भी कड़ी टक्कर दे रही थी जिन्होंने स्कोर 17-16 कर दिया। भारतीय जोड़ी ने 19-18 की बढ़त हासिल कर मैच अपने पक्ष में कर लिया।
चिराग ने मैच के बाद कहा, ‘‘पिछले दो मैचों में हमने अपनी लय हासिल कर ली है। चीनी ताइपे (पिछले मैच) के खिलाफ यह जोखिम भरा था। हम लय हासिल नहीं कर पाए लेकिन फिर लय में आ गये। आज हम अपने अच्छे स्तर पर थे। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें पता था कि मैच काफी धीमी था। इसलिए हमने खुद को बहुत आक्रामक खेलने के लिए मजबूर नहीं किया क्योंकि हम जानते थे कि प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों का डिफेंस वाकई बहुत मजबूत है।’’
चिराग ने कहा, ‘‘हमने अपना संयम बनाए रखा और किसी भी चीज में जल्दबाजी नहीं की। हमें पता था कि रैलियां लंबी होंगी। ’’
सात्विक लगभग तीन महीने बाद कोर्ट पर वापस आकर खुश थे। उन्होंने कहा, ‘‘लगभग तीन महीने हो गए हैं। ओलंपिक के बाद बहुत परेशानी हुई। हम कोच से भी अलग हो गये। मानसिक और शारीरिक रूप से यह कठिन था। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो जिस तरह से हम अब खेल रहे हैं, वह सहज और शांत है। हम बिना किसी दबाव के खेल रहे हैं और हमारी मानसिकता बहुत स्पष्ट है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक खत्म हो चुका है। अब एक नयी शुरुआत है। इसलिए हम अपना स्वाभाविक खेल खेलते हैं और अगर हम हार भी जाते हैं तो हम इसे स्वीकार करते हैं। ’’
भाषा नमिता आनन्द
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