भारतीय कुश्ती में घटी घटनाओं से बहुत दुखी हूं, पर ओलंपिक में दो पदक की उम्मीद: योगेश्वर दत्त

भारतीय कुश्ती में घटी घटनाओं से बहुत दुखी हूं, पर ओलंपिक में दो पदक की उम्मीद: योगेश्वर दत्त

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  • Publish Date - July 22, 2024 / 06:19 PM IST,
    Updated On - July 22, 2024 / 06:19 PM IST

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने सोमवार को कहा कि पिछले दो साल में भारत में कुश्ती की प्रगति बुरी तरह प्रभावित हुई, लेकिन इसके बावजूद उन्हें उम्मीद है कि 26 जुलाई से शुरू हो रहे पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय पहलवान दो पदक जीत सकते हैं।

ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया तथा एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट सहित देश के छह शीर्ष पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन किया जिसके कारण भारत में कुश्ती गतिविधियां करीब डेढ़ साल तक ठप रहीं।

इसका खासा बुरा प्रभाव पड़ा तथा राष्ट्रीय शिविर और प्रतियोगिताएं स्थगित कर दी गई। इससे पहलवान ओलंपिक और ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए ढंग से तैयारी नहीं कर पाए।

लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता योगेश्वर ने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा,’’ पिछले डेढ़ से दो वर्षों में भारतीय कुश्ती में जो कुछ हुआ उससे मैं बहुत दुखी हूं। हमारा यह खेल वास्तव में बुरे दौर से गुजरा है जिससे इसकी प्रगति पर बुरा प्रभाव पड़ा और इस खेल को चाहने वालों के पास भी नकारात्मक संदेश गया।’’

अपनी तरफ से गतिरोध दूर करने का प्रयास करने वाले योगेश्वर को इस बात की भी पीड़ा है कि इस बार भारत के केवल 6 पहलवान ही ओलंपिक में जगह बना पाए।

उन्होंने कहा,‘‘एथेंस ओलंपिक 2004 में फ्री स्टाइल में 6 पहलवानों ने जगह बनाई थी। इसके बाद तीन, चार या पांच पुरुष पहलवान ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करते रहे। यह निराशाजनक है कि इस बार केवल एक पुरुष पहलवान अमन सहरावत ही क्वालीफाई कर पाया। महिला पहलवानों को श्रेय जाता है। हमारी पांच महिला पहलवान क्वालीफाई करने में सफल रही जो बहुत अच्छी बात है।’’

योगेश्वर ने विनेश की संभावनाओं पर बात नहीं की लेकिन कहा,‘‘हमारी पांच लड़कियों ने क्वालीफाई किया है जो एक या दो पदक जीत सकती हैं। उनमें से कुछ बहुत अनुभवी भी हैं। चाहे वह अंतिम पंघाल (53 किग्रा) हो या कोई अन्य महिला पहलवान। हमें उम्मीद है कि हम दो पदक जीत सकते हैं।’’

उन्होंने कहा,‘‘ओलंपिक में खेलना आसान नहीं होता है। प्रत्येक खिलाड़ी का सपना होता है कि वह ओलंपिक में पदक जीते। हमारे पहलवानों ने कड़ी मेहनत की है और वह अनुभव भी रखते हैं।’’

भाषा पंत सुधीर

सुधीर