साबले ने अतीत की गलतियों को सुधार कर ओलंपिक में अच्छा करने का वादा किया

साबले ने अतीत की गलतियों को सुधार कर ओलंपिक में अच्छा करने का वादा किया

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  • Publish Date - June 30, 2024 / 05:08 PM IST,
    Updated On - June 30, 2024 / 05:08 PM IST

…फिलेम दीपक सिंह…

पंचकुला (हरियाणा), 30 जून (भाषा) भारतीय 3000 मीटर स्टीपलचेस धावक अविनाश साबले ने वादा किया कि वह अतीत की गलतियों से सीख कर आगामी पेरिस ओलंपिक में यादगार प्रदर्शन करेंगे। साबले घरेलू स्तर पर बड़े नाम है लेकिन वह वैश्विक स्तर पर अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर सके हैं। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आठ मिनट 11.20 सेकंड है। साबले ने 2015 में दौड़ना शुरू किया है और राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम करने के बाद कई बार उसमें सुधार किया है। उन्होंने 2023 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक भी जीता है। पेरिस ओलंपिक में उनके पास खुद को साबित करने का एक और मौका होगा। साबले सितंबर में 30 साल के हो जायेंगे और ऐसे में यह उनका आखिरी ओलंपिक भी हो सकता है। साबले ने कहा, ‘‘ मैंने पिछले दो वर्षों में गलतियां की हैं। मैं दो विश्व चैंपियनशिप (2022 और 2023) में अच्छी फिटनेस के साथ गया था लेकिन दोनों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका। मैं सुधार करना चाहता हूं, उम्मीद है कि यह ओलंपिक मेरा सर्वश्रेष्ठ होगा।’’ साबले ने यहां राष्ट्रीय अंतर-राज्य चैंपियनशिप में 3000 मीटर स्टीपलचेज में स्वर्ण पदक जीता था। नौ बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने वाले खिलाड़ी के लिए यह किसी अभ्यास की तरह था। राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में रजत पदक जीतकर कीनियाई एथलीटों के वर्चस्व को तोड़ने वाले साबले अमेरिका में 2022 विश्व चैंपियनशिप में 3000 मीटर स्टीपलचेस फाइनल में 11वें स्थान पर रहे और हंगरी में 2023 सत्र में वह शुरूआती दौर की हीट से ही बाहर हो गए। प्रतिष्ठित डायमंड लीग मीट में उन्होंने पांच बार भाग लिया लेकिन उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पांचवां स्थान हासिल करना रहा है। इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ तोक्यो ओलंपिक से पहले मैं दो बार कोविड-19 से संक्रमित हो गया था। फिर, पिछले साल भी मैंने गलतियां कीं। मैं हर साल अभ्यास अप्रैल या मई में शुरू कर देता था। जब मैं आखिरी समय में खुद को परखना चाहता था, मैंने पाया कि मैं प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं हूं। यही कारण है कि मैं सत्र देर से शुरू कर रहा हूं।’’ भाषा आनन्द नमितानमिता