रायपुर, 30 सितंबर: श्रीलंका लीजेंड्स ने अपने हरफनमौला प्रदर्शन की बदौलत शहीद वीर नारायण सिंह इंटरनेशनल स्टेडियम में शुक्रवार को खेले गए दूसरे पहले सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज लीजेंड्स को 14 रनों से हराकर इंडिया लीजेंड्स के साथ फाइनल खेलने का हक हासिल कर लिया है। देश और दुनिया में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरुकता फैलाने के मकसद से आयोजित किए जा रहे इस टूर्नामेंट के पहले संस्करण में भी दोनों टीमें फाइनल में भिड़ी थीं, जिसे सचिन तेंदुलकर की कप्तानी वाली इंडिया लीजेंड्स ने जीता था। वह मैच भी रायपुर में ही खेला गया था। पहले सेमीफाइनल में इंडिया लीजेंड्स ने ऑस्ट्रेलिया लीजेंड्स को पांच विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश किया है। फाइनल 1 अक्टूबर को शाम 7.30 बजे से इसी मैदान पर खेला जाएगा।
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रोमांच से भरपूर फाइनल के बारे में अपनी राय रखते हुए, जो पिछले साल के खिताबी मुकाबले का रिपीट भी है, रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज के ब्रांड एंबेसडर श्री दीपक चौहान ने कहा, “हम इस अद्भुत टूर्नामेंट के लिए इससे बेहतर फाइनल मैच की उम्मीद नहीं कर सकते थे, जो मुख्य रूप से जीवन बचाने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है। देश और दुनिया भर में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करके सड़कों पर जीवन बचाने का संदेश देना इसका मकसद है। लीजेंड्स का खेल देखने आए हजारों प्रशंसकों से इस टूर्नामेंट को मिली शानदार रिस्पॉन्स अपने आप में इस बात का प्रमाण है कि लोग इस टूर्नामेंट को पसंद कर रहे हैं और हमने ड्राइविंग करते समय सड़क पर अनुशासन बनाए रखने के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने की दिशा में कम से कम सही दिशा में एक छोटा कदम उठाया है। मैं इंडिया लीजेंड्स और श्रीलंका लीजेंड्स टीम दोनों को फाइनल के लिए शुभकामनाएं देता हूं।”
श्रीलंका लीजेंड्स द्वारा दिए गए 173 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए वेस्टइंडीज लीजेंड्स नरसिंह देवनारायण के 63 रनों के बावजूद निर्धारित 20 ओवरों में सात विकेट पर 158 रन ही बना सकी। इससे पहले, टॉस हारने के बाद पहले बैटिंग करते हुए श्रीलंका लीजेंड्स ने 20 ओवरों में 9 विकेट पर 172 रन बनाए। इसमें सबसे अधिक योगदान इशान जयरत्ने ने दिया, जिनके बल्ले से 19 गेदों पर दो छक्कों और एक चौके की मदद से 31 निकले। इसके अलावा महेला उदावंते ने 15 (11 गेंद, 2 चौके, 1 छक्का), सनत जयसूर्या ने 26 (19 गेंद, 2 चौके), जीवन मेंडिस ने 25 (15 गेंद, 3 चौके, 1 छक्का) और पारी के अंतिम पलों में चतुरंगा डिसिल्वा ने 11 (7 गेंद, 1 चौका), असेला गुनारत्ने ने 13 (11 गेंद, 1 चौका), इसुरू उदाना ने 1 चौके, 1 छक्का) और नुवान कुलासेकरा ने नाबाद 8 रन जोड़े।
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सिर्फ तीन बल्लेबाज कप्तान तिलकरत्ने दिलशान (7), उपुल थरंगा (3) और चमारा सिल्वा (7) दहाई तक नहीं पहुंच सके। कैरेबियाई लीजेंड्स की ओर से देवेंद्र बीशू और क्रिसमार सैंटोकी ने दो-दो विकेट लिए जबकि डारेन पावेल, जेरोम टेलर, ड्वेन स्मिथ और सुलेमान बेन को एक-एक विकेट मिला। जवाब में खेलने उतरी कैरेबियाई टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। उसके कप्तान और दुनिया के महानतम बल्लेबाजों में से एक ब्रायन लारा 17 के निजी योग पर नुवान कुलासेकरा का शिकार हुए। लारा का विकेट 20 के कुल योग पर गिरा।
इसके बाद हालांकि ड्वेन स्मिथ (23 रन, 24 गेंद, 3 चौके) ने नरसिंह देवनारायण (63 रन, 39 गेंदो, 4 चौके, 4 छक्के) के साथ पारी को संभालने का काम किया। दूसरे विकेट के लिए दोनों की साझेदारी अर्धशतक की ओर बढ़ रही थी तभी जयसूर्या ने स्मिथ को चलता कर दिया। स्मिथ और नरसिंह ने दूसरे विकेट के लिए 45 रनों की साझेदारी की। कैरेबियाई टीम इस झटके से उबर भी नहीं सकी थी कि जयसूर्या ने किर्क एडवडर्स (0) को बोल्ड कर मैच में रोमांच ला दिया। रही-सही कसर कप्तान दिलशान ने पूरी कर दी। बल्ले से नाकाम रहे दिलशान ने 68 के कुल योग पर विलियम पर्किंस (2) को आउट किया।
तीन रनों पर तीन विकेट गंवा चुकी कैरेबियाई टीम को बड़ी पारी का इंतजार था। नरसिंह और डांजा हयात (17 रन, 19 गेंद, 1 चौका) ने पारी को आगे बढ़ाना शुरू किया आस्किंग रन रेट का दबाव बढ़ता जा रहा था। अंतिम 8 ओवरों में कैरेबियाई टीम को 83 रनों की जरूरत थी। इसी बीच नरसिंह ने 30 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया लेकिन रनों का दबाव कम नहीं हो रहा था। अंतिम 6 ओवर में कैरेबियाई टीम को 60 रनों की जरूरत थी। इसी बीच गुनारत्ने ने हयात को आउट कर रन चेज में बाधा डाल दी। इन दोनों के बीच 54 रनों की साझेदारी हुई।
अब नरसिंह का साथ देने जेरोम टेलर (नाबाद 19 रन, 15 गेंद, 2 चौके, 1 छक्का) आए। इन दोनों ने अच्छी जुगलबंदी बनाई लेकिन 141 के कुल योग पर कुलसेकरा ने नरसिंह को आउट कर कैरेबियाई टीम को मुश्किल में डाल दिया। क्रिसमार सैंटोकी (5) भी चलते बने लेकिन टेलर टिके रहे। हालात हालांकि मुश्किल थे क्योंकि 10 गेंदों पर 25 रन चाहिए थे। अंतिम 6 गेंदों पर कैरेबियाई टीम को 22 रनों की जरूरत थी, जिस पार पाना नामुमकिन लग रहा था और हुआ भी यही। टेलर के छक्के के बावजूद श्रीलंकाई टीम 14 रनों से यह मैच जीतते हुए फाइनल का टिकट कटा लिया। उसकी ओर से नुवान कुलासेकरा और जयसूर्या ने दो-दो विकेट लिए।