नयी दिल्ली, 18 जुलाई (भाषा) ऐसे समय में जब पहलवान रीतिका हुड्डा को सिर्फ अपनी ओलंपिक तैयारियों पर ध्यान लगाना चाहिए तब हरियाणा की इस पहलवान को अपने कोच मंदीप के लिए वीजा की व्यवस्था करने के लिए आईओए अधिकारियों से गुहार लगानी पड़ रही है क्योंकि वह स्वीकृत सहयोगी स्टाफ की सूची में शामिल नहीं हैं।
रीतिका 76 किग्रा हैवीवेट वर्ग में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं।
देश की पहली महिला अंडर-23 विश्व चैम्पियन रीतिका ने मई में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से अपने कोच और फिजियो को अपने साथ यात्रा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। उन्होंने जून में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को भी इसी तरह का एक ईमेल भेजा था।
वहीं पांच क्वालीफाई करने वाले पहलवानों के कोच को साथ ले जाने के अनुरोध को मंजूरी दे दी गई है जबकि रीतिका के कोच को अनुमति नहीं मिली।
रीतिका ने पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे यह देखकर हैरानी हुई कि सभी को निजी कोच के साथ यात्रा करने की अनुमति दी गई है। अंतिम (पंघाल) के दोनों कोच को जाने की मंजूरी दे दी गई जबकि मुझे एक भी कोच नहीं दिया गया है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने आवेदन किया था, उसके कुछ दिनों बाद मुझे बताया गया कि किसी को भी निजी कोच के साथ यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। लेकिन अब मैं देख रही हूं कि मुझे छोड़कर सभी को अनुमति दी गई है। ’’
विनेश फोगट बेल्जियम के वोलर अकोस के साथ जायेंगी जबकि अंतिम को उनके कोच भगत सिंह और विकास की मदद मिलेगी जो उनके ‘स्पारिंग’ जोड़ीदार के तौर पर यात्रा कर रहे हैं।
अंशु मलिक (57 किग्रा) के निजी कोच उनके पिता धरमवीर होंगे और निशा दहिया (68 किग्रा) के साथ आमिर यात्रा करेंगे। एकमात्र पुरुष पहलवान अमन सेहरावत को पेरिस में अली शबानोव की सेवायें मिलेंगी।
रीतिका ने कहा, ‘‘अभ्यास करने और अपनी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय मैं आईओए अधिकारियों से बातचीत कर रही थी। मैंने पीटी ऊषा मैम और सीईओ रघुराम अय्यर से भी बात की। उन्होंने कहा कि वे कोशिश करेंगे। ’’
आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा के कार्यालय संभालने वाले अजय नारंग से जब संपर्क किया तो उन्होंने दावा किया कि रीतिका का अनुरोध कभी उनके पास भेजा ही नहीं गया।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी तरह यह ईमेल सही लोगों तक नहीं पहुंचा। हमने रीतिका से कहा है कि वे अपने कोच के वीजा के लिए आवेदन कर सकती हैं और हम फ्रांस में दूतावास से समय रहते इसे मंजूरी देने का अनुरोध करेंगे। ’’
आईओए ने रीतिका को अभी तक सिफारिश पत्र जारी नहीं किया है जिसके बिना आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह ने पीटीआई को बताया कि उन्होंने आईओए से रीतिका के कोच के नाम को मंजूरी देने का अनुरोध किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हैरानी है कि उसे अभी तक सिफारिश पत्र नहीं दिया गया है। मैंने कल भी आईओए अधिकारियों से बात की थी। मैं उनसे फिर बात करूंगा और उसकी मदद करने की कोशिश करूंगा। अब ऐसा समय नहीं है जब उसे इन सबसे जूझना चाहिए। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘और मुझे समझ में नहीं आता कि जब सभी को अपने कोच के साथ यात्रा करने की अनुमति है तो रीतिका को क्यों छोड़ दिया गया है। ’’
भाषा नमिता सुधीर
सुधीर