नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) स्टार भारतीय बैडमिंटन पी वी सिंधू ने शुक्रवार को कहा कि उनमें अब भी काफी कुछ हासिल करने की क्षमता है और बीडब्ल्यूएफ सर्किट पर काफी खिताब जीतने की काबिलियत है लेकिन उनकी निगाहें 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलों पर लगी रहेंगी।
अमेरिका में होने वाले ओलंपिक तक वह 33 वर्ष की हो जायेंगी। हालांकि दो बार की ओलंपिक पदक विजेता ने कहा कि अगर वह चोट-मुक्त रहीं और शारीरिक रूप से फिट रहीं तो उनका लक्ष्य तीसरा ओलंपिक पदक जीतना होगा।
पूर्व विश्व चैंपियन सिंधू ने 2016 रियो ओलंपिक में रजत और 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। वह प्रीक्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर होने के बाद पेरिस ओलंपिक से खाली हाथ लौटीं।
हैदराबाद की 29 वर्षीय सिंधू ने पीटीआई से कहा, ‘‘अगर मैं फिट हूं, अगर मैं ऐसा करने में सक्षम रहती हूं, अगर मैं चोट मुक्त हूं, तो निश्चित रूप से मैं लॉस एंजिल्स ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा करूंगी। मैं आपको यही बता सकती हूं। ’’
सिंधू ने महान खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण की देखरेख में बड़ी उम्मीदों के साथ पेरिस खेलों में प्रवेश किया था लेकिन राउंड 16 में चीन की ही बिंग जियाओ से हारने के बाद बाहर हो गईं।
सिंधू ने कहा, ‘‘ऐसा कई बार होता है। मेरे दो ओलंपिक शानदार रहे और तीसरे में मैं पदक नहीं जीत सकी। लेकिन मुझे लगता है कि मैं अच्छा खेली। मैं अपनी गलतियों से सीखती हूं और मजबूत होकर वापसी करती हूं। यह सिर्फ यहीं खत्म नहीं होता। मैं एक बार में एक साल के बारे में सोच रही हूं और अब अगला ओलंपिक फिर से चार साल बाद है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये मेरा मुख्य लक्ष्य फिट बने रहने, प्रेरित रहने और चोटों से मुक्त रहने का है। और मैं जो भी करूं, उसका लुत्फ उठाने का है। ’’
सिंधू ने पेरिस ओलंपिक में जल्दी आउट होने के बारे में कहा कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है क्योंकि, ‘‘यह दुनिया का अंत नहीं है। मुझे कोई पछतावा नहीं है, यह मेरे लिए खत्म नहीं हुआ है। मैं निश्चित रूप से और अधिक खेलना चाहूंगी और क्यों नहीं?’’
भाषा नमिता सुधीर
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