प्रवीण कुमार की रिकॉर्ड कूद से भारत के पैरालंपिक में छह स्वर्ण |

प्रवीण कुमार की रिकॉर्ड कूद से भारत के पैरालंपिक में छह स्वर्ण

प्रवीण कुमार की रिकॉर्ड कूद से भारत के पैरालंपिक में छह स्वर्ण

:   Modified Date:  September 6, 2024 / 09:50 PM IST, Published Date : September 6, 2024/9:50 pm IST

पेरिस, छह सितंबर (भाषा) ऊंची कूद के खिलाड़ी प्रवीण कुमार ने रिकॉर्ड प्रदर्शन की बदौलत तोक्यो के अपने रजत पदक को शुक्रवार को यहां स्वर्ण पदक में बदल दिया जिससे भारत को पैरालंपिक खेलों की तालिका में कनाडा और कोरिया जैसे देशों से आगे निकलने में मदद की।

देश के पैरा खिलाड़ियों ने यहां अपने सर्वश्रेष्ठ पैरालंपिक प्रदर्शन के अनुमानों को धता बताते हुए आगे बढ़ना जारी रखा।

प्रवीण कुमार ने में पुरुषों की ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में एशियाई रिकॉर्ड तोड़कर स्वर्ण पदक जीत लिया। इस स्पर्धा में टी44 वर्ग के खिलाड़ी भी हिस्सा लेते हैं। छोटे पैर के साथ पैदा हुए नोएडा के प्रवीण (21 साल) ने छह खिलाड़ियों में 2.08 मीटर से सत्र की सर्वश्रेष्ठ कूद लगाई और शीर्ष स्थान हासिल किया।

अमेरिका के डेरेक लोकिडेंट ने 2.06 मीटर की सर्वश्रेष्ठ कूद के साथ रजत पदक जीता जबकि उज्बेकिस्तान के टेमुरबेक गियाजोव ने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 2.03 मीटर से तीसरा स्थान हासिल किया।

टी64 में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनके एक पैर के निचले हिस्से में मामूली रूप से मूवमेंट कम होता है या घुटने के नीचे एक या दोनों पैर नहीं होते जबकि टी44 (जिसमें प्रवीण खेलते हैं) उन खिलाड़ियों के लिए होता है जिसमें एक पैर का मूवमेंट कम या मध्यम डिग्री तक प्रभावित होता है।

प्रवीण के स्वर्ण पदक से भारत के कुल पदक 26 हो गये हैं जिसमें छह स्वर्ण, नौ रजत और 11 कांस्य पदक शामिल है। इससे भारत ने पैरालंपिक खेलों के एक चरण में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी दर्ज किया और इसके और बेहतर होने की उम्मीद है।

भारत ने प्रवीण के स्वर्ण से तोक्यो पैरालंपिक के स्वर्ण पदकों की तालिका को भी पीछे छोड़ दिया। तोक्यो पैरालंपिक में भारत ने पांच स्वर्ण, छह रजत और आठ कांस्य पदक जीते थे।

उन्होंने 1.89 मीटर से शुरुआत करने का विकल्प चुना। अपने पहले प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की और स्वर्ण पदक जीतने के लिए खुद को शीर्ष स्थान पर बनाये रखा।

इसके बाद प्रवीण और लोकिडेंट के बीच शीर्ष स्थान के लिए मुकाबला जारी रहा, लेकिन भारतीय एथलीट इसमें सफल रहा।

यह 2023 विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता प्रवीण का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी था।

प्रवीण का विकार जन्म से है जो उनके कूल्हे को बायें पैर से जोड़ने वाली हड्डियों को प्रभावित करता है।

बचपन में वह अकसर अपने साथियों से तुलना के कारण हीन भावना से जूझते रहे।

इस असुरक्षा की भावना से लड़ने के लिए उन्होंने खेल खेलना शुरू किया और वॉलीबॉल में हाथ आजमाया।

पर एक पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता में ऊंची कूद स्पर्धा में भाग लेने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई।

शरद कुमार और मरियप्पन थंगावेलु के बाद प्रवीण पेरिस में पदक जीतने वाले ऊंची कूद के तीसरे एथलीट हैं।

शरद ने तीन सितंबर को पुरुषों की ऊंची कूद टी63 स्पर्धा में रजत और थंगावेलु ने कांस्य पदक जीता था।

सिमरन 200 मीटर टी12 स्पर्धा के सेमीफाइनल में :

भारतीय ट्रैक एवं फील्ड एथलीट सिमरन शर्मा ने एथलेटिक्स प्रतियोगिता में महिलाओं की 200 मीटर टी12 स्पर्धा में अपनी हीट में शीर्ष पर रहते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

मौजूदा विश्व चैंपियन सिमरन ने 25.41 सेकेंड के समय के साथ अपनी हीट में शीर्ष स्थान हासिल करके सेमीफाइनल में जगह बनाई।

पैरालंपिक खेलों में टी12 श्रेणी दृष्टिबाधित एथलीटों के लिए है। सिमरन का जन्म समय से पहले हुआ था और उन्होंने अगले 10 सप्ताह इनक्यूबेटर में बिताए जहां पता चला कि वह दृष्टिबाधित है।

सिमरन के कोच उनके पति गजेंद्र सिंह हैं जो सेना सेवा कोर में कार्यरत हैं। वह नयी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में प्रशिक्षण लेती हैं।

गुरुवार को सिमरन महिला 100 मीटर टी12 फाइनल में चौथे स्थान पर रहकर पदक से चूक गईं थी। चार खिलाड़ियों के फाइनल में धीमी शुरुआत के कारण सिमरन ने 12.31 सेकेंड का समय निकाला था।

भारतीय कैनोइंग चालक सेमीफाइनल में :

भारत की प्राची यादव और यश कुमार ने कैनोइंग (डोंगीचालन) प्रतियोगिता में क्रमशः महिलाओं की वीएल2 200 मीटर और पुरुषों की केएल1 200 मीटर में अपनी-अपनी हीट में चौथे और छठे स्थान पर रहकर सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया।

प्राची और पूजा ओझा ने महिलाओं की एकल 200 मीटर वीएल2 हीट एक और केएल1 200 मीटर हीट दो में क्रमशः 1:06.83 और 1:16.09 का समय निकाला। यश ने पुरुषों की केएल 200 मीटर हीट में 1:03.27 का समय निकाला। सेमीफाइनल शनिवार को होंगे।

प्रत्येक हीट का विजेता सीधे फाइनल में पहुंचता है, जबकि बाकी खिलाड़ी सेमीफाइनल में जगह बनाते हैंं। प्रत्येक सेमीफ़ाइनल के तीन सबसे तेज़ समय निकालने वाले खिलाड़ी फ़ाइनल में पहुंचते हैं।

प्राची तोक्यो पैरालंपिक खेलों में महिलाओं की वीएल2 स्पर्धा के फाइनल में आठवें स्थान पर रही थीं।

भाला फेंक एथलीट दीपेश कुमार अंतिम स्थान पर रहे :

भारत के दीपेश कुमार पुरुषों की भाला फेंक एफ54 स्पर्धा के फाइनल में अंतिम स्थान पर रहे।

दीपेश (19 वर्ष) सात खिलाड़ियों के फाइनल में 26.11 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ निचले स्थान पर रहे।

दिसंबर 2023 में नयी दिल्ली में खेलो इंडिया पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले दीपेश अपनी स्पर्धा में थ्रो करने वाले अंतिम एथलीट थे और पोडियम पर पहुंचने के लिए उन्हें 30 से अधिक अंक चाहिए थे।

पर वह इससे काफी पीछे रह गए।

एफ54 वर्ग में फील्ड स्पर्धा में एथलीट सीट पर बैठकर हिस्सा लेते हैं।

भाषा नमिता

नमिता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)