टोरंटो, दो अप्रैल (भाषा) युवा शतरंज खिलाड़ी आर प्रज्ञानानंदा अगले विश्व चैंपियनशिप मैच के लिए चुनौती तय करने के लिए बुधवार से यहां शुरू होने वाले कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट में तीन भारतीय प्रतिभागियों के बीच सबसे मजबूत दावेदार के रूप में अपना अभियान शुरू करेंगे।
प्रज्ञानानंदा के साथ डी गुकेश और विदित गुजराती कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में चुनौती पेश करेंगे।
लगभग 35 वर्षों के बाद आठ खिलाड़ियों के इस टूर्नामेंट के लिए तीन भारतीयों ने क्वालिफिकेशन हासिल किये हैं।
कुछ विशेषज्ञ भारत को शतरंज की दुनिया का नया रूस मान रहे हैं क्योंकि पहले ऐसा दबदबा सिर्फ रूस के खिलाड़ियों का ही दिखता था।
अठारह साल के प्रज्ञानानंदा भारतीयों के बीच रेटिंग के मुताबिक सबसे मजबूत दावेदार है। शतरंज जगत का हालांकि मानना है कि भारत के इन तीनों युवा खिलाड़ियों को इस स्तर के टूर्नामेंट में खुद को साबित करने में अभी और अधिक समय लगेगा।
आठ खिलाड़ियों को इस टूर्नामेंट में अन्य सात प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ दो-दो मुकाबले खेलने हैं। 22 अप्रैल तक चलने वाले इस टूर्नामेंट का विजेता अगले विश्व चैंपियनशिप मुकाबले में चीन के डिंग लिरेन को चुनौती देगा।
बेखौफ और मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत प्रज्ञानानंदा को इस आयोजन के लिए आठ बार के रूसी चैंपियन पीटर स्विडलर की सहायता मिलने की संभावना है।
महज 17 साल की उम्र में गुकेश को इस खेल की बेहतरीन प्रतिभाओं में से एक माना जाता है। वह इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सबसे कम उम्र के प्रतिभागी हैं और रॉबर्ट जेम्स फिशर उर्फ बॉबी फिशर के बाद इसका क्वालिफिकेशन हासिल करने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के प्रतिभागी हैं। फिशर ने 1959 में महज 16 साल की उम्र में इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया था।
फिशर का रिकॉर्ड 65 साल तक कायम था जो यह साबित करता है कि कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाने के लिए क्या करना पड़ता है और अगर गुकेश इसे जीतते हैं तो वह विश्व चैम्पियनशिप खिताब के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी होंगे।
विदित गुजराती को जल्द ही लय हासिल करनी होगी। नासिक के इस खिलाड़ी ने प्राग मास्टर्स में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और रेटिंग सूची में भी काफी नीचे खिसक गए।
बाकू (अजरबैजान) में पिछले विश्व कप में अपने रजत पदक के प्रदर्शन के आधार पर प्रज्ञानानंदा टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे। वह फाइनल में दिग्गज मैग्नस कार्लसन से हार गए लेकिन उसके बाद से उन्होंने काफी सुधार किया है और एक आक्रामक खिलाड़ी के रूप में उभरे हैं।
गुजराती ने पिछले साल ब्रिटेन के आइल ऑफ मैन में ग्रैंड स्विस टूर्नामेंट में उल्लेखनीय प्रदर्शन की बदौलत यह उपलब्धि हासिल की। इस भारतीय खिलाड़ी ने टूर्नामेंट के अंतिम चरण में बेहतरीन प्रदर्शन किया था।
गुकेश के लिए क्वालीफाई करना मुश्किल था लेकिन इस किशोर खिलाड़ी ने पिछले दिसंबर में चेन्नई में जीएम टूर्नामेंट जीतकर रेटिंग प्रक्रिया के माध्यम से अपना स्थान सुनिश्चित किया।
टूर्नामेंट में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का बेहतरीन मिश्रण है।
अमेरिकी फैबियानो कारूआना अपने हमवतन हिकारू नाकामुरा से आगे शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ी के रूप में शुरुआत करेंगे। फ्रांस के 20 वर्षीय अलीरेजा फिरोजा तीसरे स्थान पर हैं जबकि दो बार चुनौती देने वाले रूस के इयान नेपोम्नियाचची को चौथी वरीयता प्राप्त है।
प्रज्ञानानंदा, गुकेश और गुजराती फिडे रेटिंग के मामले में इन चारों के बाद है। अजरबैजान के निजात अबासोव इस आयोजन में अंतिम वरीयता प्राप्त खिलाड़ी है।
पहला दौर गुरुवार को भारतीय समय के अनुसार मध्य रात्रि में शुरू होगा। इसके विजेता को न सिर्फ विश्व चैंपियनशिप मैच खेलने का मौका मिलेगा बल्कि उसे पुरस्कार राशि के तौर पर 48000 यूरो (करीब 45 लाख रुपये) मिलेंगे।
भाषा आनन्द सुधीर
सुधीर