पंत ने आलोचकों को हमेशा के लिए शांत कर दिया: कोच तारक सिन्हा

पंत ने आलोचकों को हमेशा के लिए शांत कर दिया: कोच तारक सिन्हा

पंत ने आलोचकों को हमेशा के लिए शांत कर दिया: कोच तारक सिन्हा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 pm IST
Published Date: January 19, 2021 11:54 am IST

कोलकाता, 19 जनवरी (भाषा) ऋषभ पंत के कोच तारक सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि उनके शिष्य ने ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला के चौथे टेस्ट में लक्ष्य का पीछा करते हुए अपनी सबसे अच्छी पारी खेलकर आलोचकों को हमेशा के लिए चुप करा दिया।

पंत की 138 गेंद 89 रन की नाबाद साहसिक पारी के दम पर भारतीय टीम ने मैच के पांचवें दिन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में आस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हराकर श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की।

सिन्हा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘उन्होंने (पंत) इस पारी से अपने आलोचकों को हमेशा के लिए चुप करा दिया। यह एक खिलाड़ी को मौका देने के बाद उस पर भरोसा जताने का असर है।’’

 ⁠

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि उनकी विकेट कीपिंग में सुधार होगा। एक बार जब आप टीम में अपनी जगह को लेकर आश्वस्त हो जाते हैं और हर कोई कहता है कि आप अच्छे हैं, तो बाकी सब अपने आप ठीक होने लगता है। यह आत्मविश्वास हासिल करने के बारे में है।’’

बल्लेबाजी के दौरान खराब शॉट चयन और विकेट के पीछे लचर प्रदर्शन के कारण पंत को अक्सर आलोचना का सामना करना पड़ता है। इसी वजह से पंत सीमित ओवरों के दोनों प्रारूपों (एकदिवसीय और टी20) के साथ एडीलेड टेस्ट की अंतिम 11 में जगह बनाने में सफल नहीं हुए । एडीलेड के बाद वह तीनों टेस्ट में टीम का हिस्सा रहे।

सिन्हा ने कहा कि पंत के पास अब यह साबित करने का मौका है कि वह शीर्ष स्तर के खिलाड़ी है।

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी मदद के लिए केवल एक व्यक्ति था – जो वह खुद थे। चुनौती का सामना करना उसकी खूबी है। इस सफलता का श्रेय सिर्फ उसी को जाता है। ’’

इस 23 साल के विकेटकीपर बल्लेबाज ने इससे पहले सिडनी टेस्ट की दूसरी पारी में पांचवें दिन 97 रन की पारी खेल कर भारत को मैच जीतने की स्थिति में ला दिया।

सिन्हा ने कहा, ‘‘ बहुत सारी चीजों के बाद भी वह अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर रहा था। वह 2020 में तीनों प्रारूपों में अपने करियर के सबसे निचले स्तर से गुजर रहा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ वह पहले टी20 और एकदिवसीय से बाहर हुआ और फिर टेस्ट टीम में उसकी जगह पक्की नहीं थी। ऐसे स्थिति में आप अच्छा कर के अपनी जगह पक्की करना चाहते है।’’

भाषा आनन्द मोना

मोना


लेखक के बारे में