पर्थ, 25 नवंबर (भाषा) कुछ पलों के लिये जसप्रीत बुमराह एक प्रतिस्पर्धी क्रिकेटर की बजाय गर्व से भरे पिता के रूप में नजर आये जो अपने बेटे को बड़ा होने पर पर्थ टेस्ट की ऐतिहासिक जीत के किस्से सुनाना चाहता है ।
बुमराह का परिवार पर्थ में था जब भारत ने आस्ट्रेलिया को 295 रन से हराया ।
मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में बुमराह ने कहा ,‘‘ यह खास जीत है । एक कप्तान के तौर पर पहली जीत । मैं इससे बहुत खुश हूं । मेरा बेटा भी यहां है । मैं अपने बेटे के साथ जश्न मनाऊंगा और इसे याद रखूंगा । यह बहुत खास है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ वह अभी बहुत छोटा है लेकिन जब बड़ा होगा तो मैं उसे इसकी कहानियां सुनाऊंगा । उससे कहूंगा कि जब हमने भारत के लिये इतना महत्वपूर्ण मैच जीता तो वह दर्शकों में था ।’’
पर्थ की जीत इसलिये भी खास है क्योंकि बतौर कप्तान उन्होंने पहला मैच जीता । नियमित कप्तान रोहित शर्मा अपने बेटे के जन्म के कारण यहां नहीं खेले जिनकी जगह बुमराह ने कप्तानी की ।
बुमराह ने कहा ,‘‘ काफी गर्व महसूस कर रहा हूं । यह मेरा दूसरा मैच है । मैने बर्मिंघम में भी कप्तानी की थी । पहले चरण में हम आगे थे लेकिन फिर इंग्लैंड ने अच्छा खेला । उस मैच से काफी कुछ सीखा ।’’
उन्होंने कहा कि पर्थ टेस्ट में पहली पारी में सस्ते में आउट होने के बाद भी भारतीय ड्रेसिंग रूम में तनाव नहीं था क्योंकि सभी को वापसी का यकीन था ।
उन्होंने कहा ,‘‘ हम 150 रन पर आउट हो गए लेकिन ड्रेसिंग रूम में कोई उदास नहीं था क्योंकि सभी को पता था कि अपनी क्षमता पर भरोसा करने पर हम वापसी कर सकते हैं । यहां क्रिकेट खेलना कठिन है और आप पर दबाव बनाया जाता है लेकिन जब आप दबाव का सामना करना सीख जाते हैं तो काफी आत्मविश्वास आता है ।’’
भाषा
मोना आनन्द
आनन्द